गीता
गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों को गौ (गाय) और गीता को उसका दुग्ध कहा गया है। इसका तात्पर्य यह है कि उपनिषदों की जो अध्यात्म विद्या थी, उसको गीता सर्वांश में स्वीकार करती है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में हैं। जैसे, संसार के स्वरूप के संबंध में अश्वत्थ विद्या, अनादि अजन्मा ब्रह्म के विषय में अव्ययपुरुष विद्या, परा प्रकृति या जीव के विषय में अक्षरपुरुष विद्या और अपरा प्रकृति या भौतिक जगत के विषय में क्षरपुरुष विद्या। इस प्रकार वेदों के ब्रह्मवाद और उपनिषदों के अध्यात्म, इन दोनों की विशिष्ट सामग्री गीता में संनिविष्ट है। उसे ही पुष्पिका के शब्दों में ब्रह्मविद्या कहा गया है। 'गीता' के मूल में संस्कृत का 'गीतम्' शब्द है, परंतु 'उपनिषद्' शब्द स्त्रीलिंग होने तथा उसके अनुकरण के कारण 'गीता' शब्द बना माना जाता है। शास्त्र तो अनन्त है; रुचियाँ, आवश्यकताएँ, मनःस्थितियाँ, परिस्थितियाँ इत्यादि भी भिन्न-भिन्न होती हैं। इसीलिये नाना इतिहास - पुराणादि ग्रन्थों में विभिन्न श्रेष्ठ जनों द्वारा समय-समय पर दिये गये उपदेशों के साररूप में अन्यान्य गीताएँ प्राप्त होती हैं। कुल मिलाकर इनकी संख्या शताधिक है। इनमें कई गीताएँ अत्यन्त प्रसिद्ध तथा बड़े महत्त्व की हैं।
गीता
Geeta
गीता
लक्ष्मण गीता
नारदगीता
नारदगीता [ महाभारत ]
हंसगीता
हंसगीता (१) [ श्रीमद्भागवतमहापुराण ]
हंसगीता (२) [महाभारत ]
गुरुगीता
गुरुगीता प्रथम अध्याय
गुरुगीता द्वितीय अध्याय
गुरुगीता तृतीय अध्याय
अष्टावक्रगीता [अष्टावक्रमुनिकृत]
अवधूतगीता ( १ ) [श्रीदत्तात्रेयकृत]
अवधूतगीता (२)
[श्रीमद्भागवतमहापुराण ]
आजगरगीता
[महाभारत ]
उत्तरगीता [महाभारत ]
कामगीता [महाभारत
]
गणेशगीता [गणेशपुराण ]
भिक्षुगीता [ श्रीमद्भागवतमहापुराण ]
परमहंसगीता
[ श्रीमद्भागवतमहापुराण ]
षड्जगीता [महाभारत ]
पिंगलागीता [महाभारत ]
शम्पाकगीता
[महाभारत ]
मंकिगीता [महाभारत ]
हारीतगीता
[महाभारत ]
वृत्रगीता
[महाभारत ]
पुत्रगीता
[ महाभारत ]
यमगीता ( १ )
[विष्णुमहापुराण]
यमगीता (२) [अग्निमहापुराण]
रामगीता (१) [ अध्यात्मरामायण ]
रामगीता ( २ )
[ अद्भुतरामायण ]
भगवतीगीता (पार्वतीगीता)
[देवीपुराण ]
जीवन्मुक्तगीता [श्रीदत्तात्रेयकृत]
अनुगीता
ब्राह्मणगीता
ब्राह्मणगीता पन्द्रहवां अध्याय
गीता माहात्म्य
गीता माहात्म्य ग्यारहवाँ अध्याय
गीता माहात्म्य पन्द्रहवां अध्याय
गीता माहात्म्य सत्रहवां अध्याय
गीता माहात्म्य अट्ठारहवा अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद्भगवद्गीता द्वितीय अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता चतुर्थ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता सातवाँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता ग्यारहवाँ अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता बारहवां अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता तेरहवां अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता चौदहवां अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता पन्द्रहवां अध्याय
श्रीमद्भगवद्गीता सोलहवां अध्याय
0 Comments