नारद संहिता

नारद संहिता

नारद संहिता आर्ष ग्रन्थ है । सर्वजीवोपकारी महर्षि नारदजी ने मनुष्यों के लाभ के लिये स्कन्ध त्रयात्मक ज्योतिश्शास्त्र बनाया उनमें से यह तृतीय होरास्कन्ध नारद संहिता नाम से प्रसिद्ध है। इसमें अनेक उपयोगी कर्म का वर्णन सरल बडे श्लोकों द्वारा ५१ अध्यायों में किया गया है।

नारद संहिता

नारदसंहिता

नारदसंहिता अध्याय 1

नारदसंहिता अध्याय 2

नारदसंहिता अध्याय 3

नारदसंहिता अध्याय 4

नारदसंहिता अध्याय 5

नारदसंहिता अध्याय 6

नारदसंहिता अध्याय 7

नारदसंहिता अध्याय 8

नारदसंहिता अध्याय 9

नारदसंहिता अध्याय 10

नारदसंहिता अध्याय 11

नारदसंहिता अध्याय 12

नारदसंहिता अध्याय 13

नारदसंहिता अध्याय 14

नारदसंहिता अध्याय 15

नारदसंहिता अध्याय 16

नारदसंहिता अध्याय 17

नारदसंहिता अध्याय 18

नारदसंहिता अध्याय 19

नारदसंहिता अध्याय 20

नारदसंहिता अध्याय 21

नारदसंहिता अध्याय 22

नारदसंहिता अध्याय 23

नारदसंहिता अध्याय 24

नारदसंहिता अध्याय 25

नारदसंहिता अध्याय 26

नारदसंहिता अध्याय 27

नारदसंहिता अध्याय 28

नारदसंहिता अध्याय 29

नारदसंहिता अध्याय 30

नारदसंहिता अध्याय 31

नारदसंहिता अध्याय 32

नारदसंहिता अध्याय 33

नारदसंहिता अध्याय 34

नारदसंहिता अध्याय 35

नारदसंहिता अध्याय 36

नारदसंहिता अध्याय 37

नारदसंहिता अध्याय 38

नारदसंहिता अध्याय 39

नारदसंहिता अध्याय 40

नारदसंहिता अध्याय 41

नारदसंहिता अध्याय 42

नारदसंहिता अध्याय 43

नारदसंहिता अध्याय 44

नारदसंहिता अध्याय 45

नारदसंहिता अध्याय 46

नारदसंहिता अध्याय 47

नारदसंहिता अध्याय 48

नारदसंहिता अध्याय 49

नारदसंहिता अध्याय 50

नारदसंहिता अध्याय 51 

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