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कर्मकाण्ड

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हनुमान जी

हनुमान जी

हनुमानजी भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं। इन्द्र के वज्र से इनकी ठुड्डी (संस्कृत: में हनु ) टूट गई थी। इसलिये इनका नाम हनुमान पड़ा। इसके अलावा ये अनेक नामों से प्रसिद्ध है जैसे बजरंग बली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें हनुमान जी भी एक हैं। हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। रामायण के अनुसार वे जानकी के अत्यधिक प्रिय हैं। हनुमान जी के पराक्रम की असंख्य गाथाएँ प्रचलित हैं। ज्योतिषीयों के सटीक गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के झारखण्ड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गाँव के एक गुफा में हुआ था। इन्हें बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह है। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु अथवा पवन (हवा के देवता) ने हनुमान को पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मारुत (संस्कृत: मरुत्) का अर्थ हवा है। नन्दन का अर्थ बेटा है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान "मारुति" अर्थात "मारुत-नन्दन" (हवा का बेटा) हैं। हिँदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, हनुमान जी को वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष के रूप में दिखाया जाता है। इनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है। उनके कंधे पर जनेऊ लटका रहता है। हनुमान जी को मात्र एक लंगोट पहने अनावृत शरीर के साथ दिखाया जाता है। वह मस्तक पर स्वर्ण मुकुट एवं शरीर पर स्वर्ण आभुषण पहने दिखाए जाते है। उनकी वानर के समान लंबी पूँछ है। उनका मुख्य अस्त्र गदा माना जाता है। महाभारत एक और प्रमुख महाकाव्य है जिसमें हनुमान का संक्षिप्त उल्लेख है। महाभारत के वन पर्व, उन्हें भीम के सौतेले भाई के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो उनसे कैलाश पर्वत पर जाने के दौरान गलती से मिलते हैं। रामायण और महाभारत के अलावा, हनुमान का उल्लेख कई अन्य ग्रंथों में किया गया है।

हनुमान जी

हनुमानजी

श्रीहनुमच्चतुर्विंशतिः

श्रीहनूमन्नवरत्नपद्यमाला

श्रीघटिकाचलहनुमत्स्तोत्रम्

श्रीहनुमत्सहस्रनामावलिः अथवा आन्जनेयसहस्रनामावलिः

हनुमत्सहस्रनामस्तोत्रम्

हनुमत्सहस्रनाम स्तोत्रम्, श्रीहनुमत्सहस्र नामावलिः

श्रीहनुमत्कल्पः

श्रीहनुमत्सूक्तम्

श्रीहनुमत्स्तोत्रम्

श्रीहनुमद्वन्दनम्

श्रीहनुमद्-ध्यानम्-स्तवः-नमस्कारः

हनुमान रक्षा स्तोत्र

श्रीहनुमत्प्रशंसनम्

श्रीहनुमत्ताण्डव स्तोत्रम्

लाङ्गूलास्त्रशत्रुञ्जयहनुमत्स्तोत्रम्

एकादशमुखि हनुमत्कवचम्

एकादशमुख हनुमत्कवचम्

सप्तमुखीहनुमत्कवचम्

पञ्चमुख हनुमत् हृदयम्

पञ्चमुखिहनुमत्कवचम्

पंचमुखहनुमत्कवचम्

पञ्चमुखि वीरहनूमत्कवचम्

एकमुखी हनुमत्कवचम्

संकट मोचन हनुमान् स्तोत्रम्

श्रीहनुमत्कवचम्

मारुतिकवच

हनुमत्कवचं

हनुमान द्वादशनाम स्तोत्र

हनुमान अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

आञ्जनेय गायत्री , ध्यानम् , त्रिकाल वंदनं

संकटमोचन हनुमानाष्टक

हनुमद् वडवानल स्तोत्रम्

हनुमान बाहुक

हनुमान साठिका 

हनुमान चालीसा संस्कृतानुवादः

बजरंग बाण

हनुमानचालीसा

हनुमत्पूजन विधि

श्रीहनुमतः आवरणपूजा

लान्गूलोपनिषत्

हनुमान प्रश्नावली चक्र 

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