चाणक्य नीति

चाणक्य नीति

चाणक्य भारतीय इतिहास के सबसे महान दार्शनिक, सलाहकार और शिक्षक थे, उन्होंने चंद्रगुप्त मोर्य को सत्ता में आने और भारतीय इतिहास के सबसे महान राजा बनने में मदद की। उनकी नीति, जिसे वर्तमान में चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है, भारतीय इतिहास में कई राजाओं की प्रेरणा थी।

चाणक्य नीति या चाणक्य नीतिशास्त्र (४ से ३ शताब्दी ई॰पु॰ मध्य) चाणक्य द्वारा रचित एक नीति ग्रन्थ है। इसका मुख्य विषय मानव मात्र को जीवन के प्रत्येक पहलू की व्यावहारिक शिक्षा देना है। इसमें मुख्य रूप से धर्म, संस्कृति, न्याय, शांति, सुशिक्षा एवं सर्वतोन्मुखी मानव जीवन की प्रगति की झाँकियां प्रस्तुत की गई हैं। इस नीतिपरक ग्रंथ में जीवन-सिद्धान्त और जीवन-व्यवहार तथा आदर्श और यथार्थ का बड़ा सुन्दर समन्वय देखने को मिलता है।

चाणक्य नीति

चाणक्य नीति Chanakya Niti

चाणक्य नीति मूल रूप से संस्कृत में लिखी गई है, बाद में इसका अनुवाद कई अन्य भाषाओं और हिंदी में भी हुआ। चाणक्य की कहीं हर बात आज भी उतनी ही सही है जितनी वह उस जमाने में हुआ करती थी।

चाणक्य नीति में 17 अध्याय हैं और प्रत्येक अध्याय में जीवन, दोस्ती, कर्तव्य, प्रकृति, पत्नी, बच्चों, धन, व्यवसाय और अन्य सभी चीजों के बारे में उल्लेख किया गया है जो हमारे जीवन को सरल बना कर हमें सफल बनने में मदद करते हैं।

चाणक्य नीति अध्याय

१ प्रथमोऽध्यायः

२ द्वितीयोऽध्यायः

३ तृतीयोऽध्यायः

४ चतुर्थोऽध्यायः

५ पञ्चमोऽध्यायः

६ षष्ठोऽध्यायः

७ सप्तमोऽध्यायः

८ अष्टमोऽध्यायः

९ नवमोऽध्यायः

१० दशमोऽध्यायः

११ एकादशोऽध्यायः

१२ द्वादशोऽध्यायः

१३ त्रयोदशोऽध्यायः

१४ चतुर्दशोऽध्यायः

१५ पञ्चदशोऽध्यायः

१६ एतान्यपि द्रष्टव्यानि

१७ वाह्यसूत्राणि

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