दत्तात्रेयतन्त्र

दत्तात्रेयतन्त्र

दत्तात्रेयतन्त्र- भगवान दत्तात्रेय, महर्षि अत्रि और उनकी सहधर्मिणी अनुसूया के पुत्र थे। इनके पिता महर्षि अत्रि सप्तऋषियों में से एक है,और माता अनुसूया को सतीत्व के प्रतिमान के रूप में उदधृत किया जाता है। अत्रि ऋषि की पत्नि माता अनुसूया पर प्रसन्न होकर तीनों देवों- ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने उन्हें वरदान दिया। ब्रह्मा के अंश से चंद्रमा, शंकर के अंश से दुर्वासा तथा विष्णु के अंश से दत्तात्रेय का जन्म हुआ। दत्तात्रेय का शरीर तो एक था लेकिन उनके तीन सिर और छ: भुजाएं थीं।

"आदौ ब्रह्मा मध्ये विष्णुरन्ते देवः सदाशिवः

मूर्तित्रयस्वरूपाय दत्तात्रेयाय नमोस्तु ते।

ब्रह्मज्ञानमयी मुद्रा वस्त्रे चाकाशभूतले

प्रज्ञानघनबोधाय दत्तात्रेयाय नमोस्तु ते।।"

"जो आदि में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा अन्त में सदाशिव है, उन भगवान दत्तात्रेय को बारम्बार नमस्कार है। ब्रह्मज्ञान जिनकी मुद्रा है, आकाश और भूतल जिनके वस्त्र है तथा जो साकार प्रज्ञानघन स्वरूप है, उन भगवान दत्तात्रेय को बारम्बार नमस्कार है।" (जगद्गुरु श्री आदि शंकराचार्य)

योगिराज श्रीदत्तात्रेयप्रणीत श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् ग्रन्थ में-अनेक प्रकार के उपयोगी तथा सिद्धि देनेवाले मन्त्र, मोहन, मारण, उच्चाटन, वशीकरण, स्तम्भनादि अनेक प्रकार के प्रयोग दिया गया है । इसके अलावा अन्यान्य ग्रन्थों में जो २ विषय अतिक्लिष्ट हैं उन सबका इस ग्रन्थ में भलीभांति समावेश हुआ है । मन्त्र-तन्त्र के ज्ञाता जैसा इससे लाभ उठा सकते हैं उतना ही लाभ इसे सामान्य व्यक्ति भी उठा सकेंगे।

 “यद्गृहे निवसेत्तन्त्रं तत्र लक्ष्मीः स्थिरायते तंत्रशास्त्र के पठन पाठन और मनन करने से अवश्य हो सिद्धि प्राप्त होती है।

दत्तात्रेयतन्त्र

श्रीदत्तात्रेयतन्त्र

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल २

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल ६

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल ७

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल ८

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल ९

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १०

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल ११

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १२

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १३

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १४

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १५

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १६

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १७

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १८

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १९

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल २०

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल २१

दत्तात्रेयतन्त्रम् पटल २२

Post a Comment

0 Comments