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श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १४ में
आपने कालज्ञान प्रयोग पढ़ा,
अब पटल १५ में अनाहार प्रयोग बतलाया गया है।
श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् पञ्चदश: पटलः
दत्तात्रेयतन्त्र पन्द्रहवां पटल
दत्तात्रेयतन्त्र पटल १५
दत्तात्रेयतन्त्र
पञ्चदश पटल
अनाहार
ईश्वर उवाच
अन्त्राणि कृकलासस्य करंजस्य च बीजकम्
।
पिष्टवा तु बटिकां कृत्वा त्रिलोहेन
तु बेष्टयेत् ।
तां वत्र्क्रे धारयेद्योऽसौ क्षुत्पिपासा
न वाधते ॥ १॥
महादेवजी बोले-(हे दत्तात्रयजी !)
गिरगिट की आते और पंजे की मींगी को पीसकर गोली बनाय त्रिलोह से वेष्टित करे उसको
मुख में रखने से भूख और प्यास नहीं लगती है ॥ १ ॥
पद्मबीजं महाशालिं छागादुग्धे च
पेषयेत् ।
आद्वादशदिनं भुज्यात्साज्यं
तत्पायसं ततः ॥ २ ॥
कमल के बीज और चावलों को बकरी के
दूध से पीस घी मिलाय खीर बनावे उक्त खीर को बारह दिन खाने से भूख नहीं लगती है।। २
॥।
अपामार्गस्य बीजानि दुग्धाज्याभ्यां
च पाचयेत् ।
पायसं महिषीक्षीरे भुक्तं मास
क्षुघापहम् ।। ३ ॥
अपामार्गं के बीजों के चूर्ण को दूध
और घी मिलाकर पकावे फिर भैस के दूध में खीर बनाकर खाने से एक मास तक भूख नहीं लगती
है ।। ३ ॥।
कोकिलाक्षस्य बीजानि भृंगाबीजयुतानि
वै ।
ताम्बूलमूलयुक्तानि तया घृतयुतानि च
॥ ४ ॥
छागीदुग्धेन सम्पेष्य कुर्य्याद्वै
वटिकां नरः ।
भक्षयेत्प्रातरुत्थाय क्षुत्पिपासा
न बाघते ॥ ५॥
तालमखाने के बीज,
भृंगराज के बीज, पान की जड़ और घी मिलाय बकरी के
दूध से पीस गोली बनाकर जो मनुष्य प्रात:काल भक्षण करे तो उसको भूख प्यास नहीं
सताती है ।। ४ - ५॥
धात्र्यपामार्गबीजानि पद्मबीजयुतानि
वै ।
तुलसीमूलयुक्तानि कुर्यात्तद्वटिकां
बुध: ॥ ६ ॥
तस्या भक्षणमात्रेण तस्योपरि गवां
पयः ।
क्षुत्पिपासां हरेन्नित्यं नान्यथा
मम भाषितम् ।। ७ ।।
आंवले के बीज,
अपामार्ग के बीज, कमल के बीज तुलसीदलों को
मिलाय मनुष्य गोली बनावे और प्रात:काल गोली खाकर गौ का दूध पीने से भूख प्यास नहीं
लगती है यह अनाहार प्रयोग मेरा कहा हुआ सत्य जानो॥६-७।।
सरसैरंडपत्रैश्च पुष्पैश्चापि
सुलक्षयेत् ।
तस्मान्मूलं समादाय ताम्बूले
दृढमात्रत: ।। ८ ॥
भक्षणं प्रातरुत्थाय
क्षृत्पिपासाहरं परम् ।
अनाहार प्रयोगोऽयं नान्यथा मम
भाषितम् ॥ ९ ॥
अंडे के कोमल फूल पत्तों को देख
उसकी जड लावे और पान में भलीभांति से रखकर प्रात:काल उठकर खाने से भूख प्यास जाती
रहती है इस अनाहार के प्रयोग को मेरा कहा सत्य जानो ॥ ८ - ९ ॥
इति श्रीदत्तात्रेयतन्त्रे
दत्तात्रेयेश्वरसंवादे अनाहारप्रयोगो नाम पञ्चदश: पटल: ।। १५ ॥।
आगे जारी........ श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १६ आहार ॥
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