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दत्तात्रेयतन्त्र पटल १०

दत्तात्रेयतन्त्र पटल १०     

श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् पटल ९ में आपने पुरुषवशीकरण प्रयोग पढ़ा, अब पटल १० में आकर्षण प्रयोग बतलाया गया है ।

दत्तात्रेयतन्त्र पटल १०

श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् दशम: पटलः

दत्तात्रेयतन्त्र दसवां पटल

दत्तात्रेयतन्त्र पटल १०         

दत्तात्रेयतन्त्र

दशम पटल

आकर्षण प्रयोग

ईश्वर उवाच

आकर्षणविधि वक्ष्ये श्रृणु सिद्धं प्रयत्नतः ।

राज्ञ: प्रजाया: सर्वेषां सत्यमाकर्षणं भवेत्‌ ॥ १ ॥

शिवजी बोले-(हे दत्तात्रेयजी ! ) अब सिद्ध आकर्षण की विधि को कहता हूं तुम सावधानी से सुनों जिससे राजा प्रजा आदि सब का सच्चा आकर्षण होता है ॥ १ ॥

कृष्णधत्तुरपात्राणां रसे गोरोचनं युतम्‌ ।

श्वेतचण्डाल लेखन्या भूजंपत्रे लिखैत्तत: ।। २ ॥॥

मन्त्रनाम लिखेन्मध्ये तापयेत्खदिराग्निना ।

शतयोजनगो वापि शीघ्रमायाति नान्यथा ।। ३ ॥

काले धत्तुरे के पत्तों के रस में गोरोचन मिलाय सफेद कनेर की कलम से भोजपत्र पर मन्त्र लिखे। मन्त्र के बीच अमुक के स्थान में जिसका नाम लिखे और खैर की आग से तपावे तो सौ योजन तक पहुंचा हुआ मनुष्य भी शीघ्र आ जाता है ।। २-३ ।।

नृकपाले लिखेन्मन्त्रं रोचनाकेशरेस्सह ।

तापयेत्खदिराङ्गारे त्रिसन्ध्यासु प्रयत्नतः ।

मन्त्र जपेत्सुसंसिद्धं कर्षयेदुर्वशीमपि ।। ४ ॥।

मनुष्य की खोपडी में गोरोचन और केशर से मन्त्र को लिख खैर के अंगारे से तीनों संध्याओं में तपावे और मन्त्र को जपे तो उर्वशी अप्सरा को भी आकर्षित कर लेगा ।। ४ ॥।

ब्रह्मदण्डीं समादाय पुष्पार्के तां तु चूर्णयेत्‌ ।

कामार्ता कामिनीं दृष्टवा उत्तमाङ्गे विनिक्षिपेत्‌ ।

पृष्ठत: सा समायाति नान्यथा मम भाषितम्‌ ।। ५ ॥

रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र होने पर ब्रह्मदंडी को लाकर चूर्ण करे और कामपीडित कामिनी के शिर पर वह चूर्ण डाले तो कामिनी पीछे २ चली आती है यह मेरा सत्य वचन जानो ॥ ५ ॥।

अनामिकाया रक्‍तेन लिखेन्मन्त्रं तु भूर्जके ।

यस्य नाम लिखेन्मध्ये मधुमध्ये च निक्षिपेत्‌ ॥ ६ ॥

तदा आकर्षणं याति सिद्धियोग उदाहृतः ।

यस्मै कस्मै न दातव्ये नान्यथा मम भाषितम्‌ ॥ ७ ॥

अनामिका उंगली के रक्त से भोज पत्र मन्त्र के बीच जिसका नाम लिखकर शहद में डाल दे; उसका आकर्षण होता है इस सिद्धियोग को जिस किसी को नहीं दे यह मेरा सत्य वचन है ।। ६-७॥।

ॐ नमो आदित्यरूपाय अमुकस्याकर्षणं कुरु कुरु स्वाहा ॥

(अयुतजपान्मन्त्रसिद्धि:)

'ओं नमो आदित्यसे' स्वाहा तक आकर्षण का मन्त्र है यह दश हजार जपने से सिद्ध होता है ।।

इति श्रीदत्तात्रेयतन्त्रे दत्तात्रेयेश्वरसंवादे आकर्षणप्रयोगो नाम दशम: पटल: ॥ १० ॥

आगे जारी........ श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् पटल ११ इन्द्रजाल ॥

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