पूजन विधि, ज्योतिष, स्तोत्र संग्रह, व्रत कथाएँ, मुहूर्त, पुजन सामाग्री आदि

दत्तात्रेयतन्त्र पटल १९

दत्तात्रेयतन्त्र पटल १९              

श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् पटल १८ में आपने मृतवत्साजीवन व काकवंध्या की चिकित्सा प्रयोग पढ़ा, अब पटल १९ में जय की विधि बतलाया गया है।

दत्तात्रेयतन्त्र पटल १९

श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् एकोनविंश: पटलः

दत्तात्रेयतन्त्र उन्नीसवां पटल

दत्तात्रेयतन्त्र पटल १९                 

दत्तात्रेयतन्त्र    

एकोनविंश पटल

जय की विधि

ईश्वर उवाच

मार्गशीर्षस्य पूर्णायां शिखीमूल समुद्धरेत्‌ ।

बाहौ शिरसि वा धार्य विवादे विजयी भवेत्‌ ॥ १ ॥।

शिवजी बोले-(हे दत्तात्रेयजी !) मार्गशीर्ष की पूर्णिमा के दिन चितावृक्ष की जड को उखाड भूजा में वा शिर में धारण करे तो विवाद में विजय होती है ।

करे सौदर्शनं मूलं बद्ध्वा रणकुले जयी ।

आर्द्रायां वटवृन्दां वा हस्ते बद्ध्वाऽपराजित: ।। २ ॥।

हाथ में सुदर्शन की जड़ बांधने से रण में जय होती है, आर्द्रा नक्षत्र में बरगद का बन्दा वा अपराजिता का बन्दा हाथ में बान्धने से रण में जय मिलती है ।

तदृक्षे चृतवृन्दाकं गृहीत्वा धारयेत्करे।

संग्रामे जयमाप्नोति जयां स्मृत्वा जयी तथा ।॥। ३ ॥।

आर्द्रा नक्षत्र में आम का बन्दा हाथ में बांधने से संग्राम में जय प्राप्त होती है और जयादेवी का स्मरण करने से भी जय प्राप्त होती है ।

कृत्तिका वा विशाखा वा भौमवारेण संयुता ।

तद्दिने घटितं शस्त्र संग्राम जयदायकम्‌ ।। ४ ।।

कृत्तिका वा विशाखा नक्षत्र मंगलवार के दिन हो तो शस्त्र बनवावे उस दिन का बना शस्त्र संग्राम में जय देता है ।

गृहीत्वा पुष्यनक्षत्रे श्वेतगुञ्जां समूलिकाम्‌ ।

धारयद्दक्षिणे हस्ते संग्रामें विजयी भवेत्‌ ॥। ५ ॥।

पुष्य नक्षत्र में सफेद घुंघ्ची की जडसहित उखाड दाहिने हाथ में धारण करने से संग्राम में जय होती है ।

धत्तुरं करवीरं च अपामार्गस्य मूलकम्‌ ।

हरितालयुतं कुर्यात्तिलकं सुदिने कृती ॥ ६ ।।

अजाक्षीरेण संपेष्य रणे राजकुले जयी ।

विरोधे दूतकार्ये च नान्यथा मम भाषितम्‌ ।। ७।

घतूरे कनेर और अपामार्ग की जड़ हरताल के साथ बकरी के दूध में पीस तिलक लगाने से राजदरबार में, विरोध में और दूत के कार्य में निश्चय जय प्राप्त होती है ।

इति श्रीदत्तात्रेयतन्त्रे दत्तात्रेयेश्वरसंवादे जयसंवादौ नामै एकोनाविंशपटल- पटल: ॥ १९ ॥

आगे जारी........ श्रीदत्तात्रेयतन्त्रम् पटल २० वाजीकरण ॥

Post a Comment

Previous Post Next Post