मनुस्मृति

मनुस्मृति

मनुस्मृति एक प्राचीन धर्मशास्त्र व प्रथम विधान (स्मृति) है। इसकी गणना विश्व के ऐसे ग्रन्थों में की जाती है, जिनसे मानव ने वैयक्तिक आचरण और समाज रचना के लिए प्रेरणा प्राप्त की है। मानव जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति, किसी भी प्रकार आपसी सहयोग तथा सुरुचिपूर्ण ढंग से हो सके, यह अपेक्षा और आकांक्षा प्रत्येक सामाजिक व्यक्ति में होती है। "मानव" चरण (वैदिक शाखा) में प्रोक्त होने के कारण इस स्मृति का नाम मनुस्मृति पड़ा। इसमें कुल 12 अध्याय हैं जिनमें 2684 श्लोक हैं। कुछ संस्करणों में श्लोकों की संख्या 2964 है।

मनुस्मृति

मनुस्मृति

मनुस्मृति अध्याय 1  

मनुस्मृति अध्याय 2   

मनुस्मृति अध्याय 3   

मनुस्मृति अध्याय 4   

मनुस्मृति अध्याय 5   

मनुस्मृति अध्याय 6   

मनुस्मृति अध्याय 7   

मनुस्मृति अध्याय 8   भाग 1  भाग 2  भाग 3

मनुस्मृति अध्याय 9   भाग 1  भाग 2  

मनुस्मृति अध्याय 10   

मनुस्मृति अध्याय 11   भाग 1  भाग 2

मनुस्मृति अध्याय 12

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