Slide show
Ad Code
JSON Variables
Total Pageviews
Blog Archive
-
▼
2023
(355)
-
▼
February
(37)
- कुण्डलिनी सहस्रनाम स्तोत्र
- कालिका पुराण अध्याय ११
- कालिका पुराण अध्याय १०
- कालिका पुराण अध्याय ९
- काली स्तुति
- कालिका पुराण अध्याय ८
- कालिका पुराण अध्याय ७
- काली स्तुति
- कालिका पुराण अध्याय ६
- कालिका पुराण अध्याय ५
- योगनिद्रा स्तुति
- काली स्तवन
- काली स्तुति
- कालिका पुराण अध्याय ४
- कालिका पुराण अध्याय ३
- कालिका पुराण अध्याय २
- कालिका पुराण अध्याय १
- कालिका पुराण
- महानीली कल्प
- गीतगोविन्द द्वितीय सर्ग अक्लेश केशव
- रुद्रयामल तंत्र पटल ३५
- अष्ट पदि ४ भ्रमर पद
- रुद्रयामल तंत्र पटल ३४
- हस्तिकर्णी कल्प
- कन्दवासिनी स्तोत्र
- वज्रदन्ती कल्प
- वज्रवल्ली कल्प
- योगिनीस्तोत्रसार
- छेदिनी स्तोत्र
- डाकिनी स्तोत्र
- विभूति स्पन्द कारिका
- सहजविद्योदय स्पन्द कारिका
- स्पन्द कारिका
- तोटकाष्टक
- शिवसूत्र तृतीय उन्मेष आणवोपाय
- शिवसूत्र द्वितीय उन्मेष शाक्तोपाय
- शिवसूत्र
-
▼
February
(37)
Search This Blog
Fashion
Menu Footer Widget
Text Widget
Bonjour & Welcome
About Me
Labels
- Astrology
- D P karmakand डी पी कर्मकाण्ड
- Hymn collection
- Worship Method
- अष्टक
- उपनिषद
- कथायें
- कवच
- कीलक
- गणेश
- गायत्री
- गीतगोविन्द
- गीता
- चालीसा
- ज्योतिष
- ज्योतिषशास्त्र
- तंत्र
- दशकम
- दसमहाविद्या
- देवी
- नामस्तोत्र
- नीतिशास्त्र
- पञ्चकम
- पञ्जर
- पूजन विधि
- पूजन सामाग्री
- मनुस्मृति
- मन्त्रमहोदधि
- मुहूर्त
- रघुवंश
- रहस्यम्
- रामायण
- रुद्रयामल तंत्र
- लक्ष्मी
- वनस्पतिशास्त्र
- वास्तुशास्त्र
- विष्णु
- वेद-पुराण
- व्याकरण
- व्रत
- शाबर मंत्र
- शिव
- श्राद्ध-प्रकरण
- श्रीकृष्ण
- श्रीराधा
- श्रीराम
- सप्तशती
- साधना
- सूक्त
- सूत्रम्
- स्तवन
- स्तोत्र संग्रह
- स्तोत्र संग्रह
- हृदयस्तोत्र
Tags
Contact Form
Contact Form
Followers
Ticker
Slider
Labels Cloud
Translate
Pages
Popular Posts
-
मूल शांति पूजन विधि कहा गया है कि यदि भोजन बिगड़ गया तो शरीर बिगड़ गया और यदि संस्कार बिगड़ गया तो जीवन बिगड़ गया । प्राचीन काल से परंपरा रही कि...
-
रघुवंशम् द्वितीय सर्ग Raghuvansham dvitiya sarg महाकवि कालिदास जी की महाकाव्य रघुवंशम् प्रथम सर्ग में आपने पढ़ा कि-महाराज दिलीप व उनकी प...
-
रूद्र सूक्त Rudra suktam ' रुद्र ' शब्द की निरुक्ति के अनुसार भगवान् रुद्र दुःखनाशक , पापनाशक एवं ज्ञानदाता हैं। रुद्र सूक्त में भ...
Popular Posts
मूल शांति पूजन विधि
मार्तण्ड भैरव स्तोत्रम्
वज्रवल्ली कल्प
डी०पी०कर्मकाण्ड के तन्त्र श्रृंखला
में काकचण्डीश्वरकल्पतन्त्र में औषिधीयों के विषय में कहा गया है। काकचण्डीश्वरकल्पतन्त्रम्
के इस भाग में वज्रवल्ली कल्प को कहा गया है।
वज्रवल्लीकल्पः
Vajravalli kalpa
काकचण्डीश्वरकल्पतन्त्रम्
अथ वज्रवल्लीकल्पः
वज्रस्य सदृशैः पत्रैर्ज्ञेया
वज्राहृयौषधी ।
अङ्गुष्ठपर्वमात्रं तु पयसाऽस्याश्च
भक्षयेत् ॥ १ ॥
वज्र के समान पत्र वाली वज्रवल्ली
नामक औषधि है। इसका अङ्गुष्ठ के पर्व के समान खण्ड दुग्ध से भक्षण करे ॥ १ ॥
विरेकवमने कृत्वा कट्वादीन्
विवर्जयेत् ।
सप्तरात्रप्रयोगेण हन्ति हन्ति
कुष्ठानशेषतः ॥ २ ॥
विरेचन और वमन करने के उपरान्त कटु
अम्ल आदि अपथ्य रस को छोड़ कर सात रात्रि तक प्रयोग करने से यह सभी कुष्ठों को
नष्ट करती है ॥२॥
द्वितीयसतरात्रं च तेनैव विधिना
कृतम्
महोदरं च गुल्मं च
मण्डूकाकृतिमौदरम् ॥ ३ ॥
गण्डमालादिमन्यांश्च हन्ति
सर्वामयानपि ।
प्रणश्यन्ति यथा
सूर्यकान्त्यान्धतमसां गणाः ॥ ४ ॥
द्वितीय (अन्य) सप्त रात्रि के उसी
विधि के प्रयोग से महोदर, गुल्म, मण्डूक सदृश उदररोग, गण्डमालादि तथा अन्य सभी रोगों
को नष्ट करती है जैसे सूर्य की कान्ति से अन्धतम पुंज विनष्ट होता है ॥ ३-४ ॥
तृतीयसतरात्रेण मेधावी प्रियदर्शनः
।
सर्पवत् कञ्चुकं दत्त्वा
जीवेद्वर्षशतत्रयम् ॥ ५ ॥
तृतीय सप्त रात्रि के प्रयोग से
मेधासम्पन्न और श्रीसम्पन्न सर्प के समान कंचुक छोड़ता हुआ तीन सौ वर्ष
पर्यन्त जीवित रहता है ॥ ५ ॥
न चैव परिहारोऽस्ति भक्ष्यभोज्यान्नसङ्गमे
।
भक्ष्य,
भोज्य और अन्न-संगम में परिहार नहीं है।
किमत्र चित्रं यदि वज्रवल्ली
सशर्करा गोघृतसंयुता च।
मासेन रोगान् सकलान्निहन्ति
द्विमासतो यच्छति यौवन श्रियम् ॥ ६
॥
वज्रवल्ली एक मास पर्यन्त शर्करा और
गौ के घृत के साथ सेवन करने से सभी रोगों को नष्ट करती है तथा दो मास सेवन करने से
यौवन को प्रदान करती है इसमें कोई आश्चर्य नहीं है ।। ६ ।।
इति काकचण्डीश्वरकल्पतन्त्रम् वज्रवल्लीकल्पः॥
आगे जारी पढ़ें ............ वज्रदन्ती कल्प
Related posts
vehicles
business
health
Featured Posts
Labels
- Astrology (7)
- D P karmakand डी पी कर्मकाण्ड (10)
- Hymn collection (38)
- Worship Method (32)
- अष्टक (54)
- उपनिषद (30)
- कथायें (127)
- कवच (61)
- कीलक (1)
- गणेश (25)
- गायत्री (1)
- गीतगोविन्द (27)
- गीता (34)
- चालीसा (7)
- ज्योतिष (32)
- ज्योतिषशास्त्र (86)
- तंत्र (182)
- दशकम (3)
- दसमहाविद्या (51)
- देवी (190)
- नामस्तोत्र (55)
- नीतिशास्त्र (21)
- पञ्चकम (10)
- पञ्जर (7)
- पूजन विधि (80)
- पूजन सामाग्री (12)
- मनुस्मृति (17)
- मन्त्रमहोदधि (26)
- मुहूर्त (6)
- रघुवंश (11)
- रहस्यम् (120)
- रामायण (48)
- रुद्रयामल तंत्र (117)
- लक्ष्मी (10)
- वनस्पतिशास्त्र (19)
- वास्तुशास्त्र (24)
- विष्णु (41)
- वेद-पुराण (691)
- व्याकरण (6)
- व्रत (23)
- शाबर मंत्र (1)
- शिव (54)
- श्राद्ध-प्रकरण (14)
- श्रीकृष्ण (22)
- श्रीराधा (2)
- श्रीराम (71)
- सप्तशती (22)
- साधना (10)
- सूक्त (30)
- सूत्रम् (4)
- स्तवन (109)
- स्तोत्र संग्रह (711)
- स्तोत्र संग्रह (6)
- हृदयस्तोत्र (10)
No comments: