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- उच्छिष्ट गणेश स्तोत्र
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- कृष्णचन्द्राष्टकम्
- श्रीकृष्णद्वादशनामस्तोत्रम्
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- श्रीकृष्ण कवचम्
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- श्रीकृष्ण ब्रह्माण्ड पावन कवच
- श्रीयुगलकिशोराष्टक
- श्रीकृष्णस्तोत्रम्
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- श्रीगोविन्द दामोदर स्तोत्र
- कृष्ण जन्म स्तुति
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- आनन्द चन्द्रिका स्तोत्रम्
- अच्युताष्टकम्
- मधुराष्टकम्
- वैदिक हवन विधि
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 17
- डी पी कर्मकांड भाग-१८ नित्य होम विधि
- डी पी कर्मकांड भाग-१७ कुशकंडिका
- भैरव
- रघुवंशम् छटवां सर्ग
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 16
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड– अध्याय 15
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 14
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 13
- हिरण्यगर्भ सूक्त
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 12
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 11
- कालसर्प दोष शांति मुहूर्त
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 10
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 09
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 08
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 07
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 06
- कालसर्प योग शांति प्रार्थना
- नागसहस्रनामावलि
- सदाशिवाष्टकम्
- सशक्तिशिवनवकम्
- सदाशिव शाकिनी कवचम्
- भैरव स्तुति
- शिवाष्टकम्
- शिवमहापुराण –रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 05
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 04
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 03
- शिवमहापुराण – रुद्रसंहिता सृष्टिखण्ड – अध्याय 02
- शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता प्रथम-सृष्टिखण्ड...
- डी पी कर्मकांड भाग- १५ क्षेत्रपाल
- अग्न्युत्तारण प्राण-प्रतिष्ठा
- देवी देवताओं का गायत्री मन्त्र
- कालसर्प योग
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- मार्तण्ड भैरव स्तोत्रम्
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- श्रीमहाकाल भैरव कवचम्
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अगहन बृहस्पति व्रत व कथा
मार्तण्ड भैरव स्तोत्रम्
नागसहस्रनामावलि
नागपाश यंत्र या जिस शिवलिंग में
नाग लगा हो या केवल शिवलिंग या शेषशायी भगवान विष्णु या शेषशायी प्रतिमा पर पुष्पार्पण
या बिल्वार्पण या तुलसीदलार्पण करते हुए नाग देवता के सहस्र नाम अर्थात् नागसहस्रनामावलि
का पाठ करें। इससे कालसर्प दोष की शांति
होती है और साधक की सभी मनोरथ पूर्ण होता है। नागसहस्रनामावलि के नित्य पाठ करने से पाठक के
जीवन में कभी भी धन-सम्पत्ति की कमी नहीं रहता। इसके प्रत्येक नाम के प्रारंभ में ॐ प्रणव व अंत
में नमः जोड़े। यदि नागसहस्रनामावलि का हवन करना हो तो अंत में नमः के बाद स्वाहा
जोड़े।
॥ नागसहस्रनामावलिः॥
ॐ अस्य श्री
नागदेवससहस्रनाममंत्रस्य अग्निऋषिः सर्वाणिछंदांसि तक्षो देवता क्षं बीजं ह्रीं
शक्तिः नृं हृदयम् क्लीं कीलकम् विषं इति अस्रम् अमृतं इति कवचं अनन्तशेषतक्षक इति
परमो मंत्र: श्री अनन्तादि नवकुलनागदेवता प्रीत्यर्थ सहस्रनामभिः विनियोगः।
ॐ अनंताय नमः। ॐ शेषाय नमः।
ॐ तक्षकाय नमः। ॐ वासुकिने नमः। ॐ शंखपालाय
नमः। ॐ महापद्माय नमः। ॐ कंबलाय नमः। ॐ कर्कोटकाय
नमः। ॐ कुलिकाय नमः।, ॐ फणिराज्ञे नमः। ॐ स्थिराय
नमः। ॐ प्रभवे नमः।, ॐ भीमाय नमः। ॐ प्रवराय नमः। ॐ वरदाय नमः।, ॐ वराय नमः। ॐ मणिमंडलभूषिताय
नमः।, ॐ सर्वात्मने नमः। ॐ सर्वविख्याताय नमः।, ॐ
सर्वस्मै नमः। ॐ सहस्रपदे नमः।, ॐ गूढगुल्फाय नमः।, हेमजंघाय नमः।, ॐ दिगंबराय नमः।, ॐ गंभीराय नमः।, ॐ वाताशनाय नमः।, ॐ उरगाय नमः।, ॐ कालियाय नमः।, ॐ कंबुकंठाय नमः।, ॐ विषकलाय नमः।, ॐ मणिभूषणाय नमः।, ॐ सुलक्षणाय नमः।, ॐ सर्वज्ञाय नमः।, ॐ भयाय नमः।, ॐ गरिम्णे नमः।, ॐ गर्विणे नमः। ॐ सर्वांगाय नमः।,
ॐ सर्वभावनाय नमः।, ॐ सर्वभूतहराय नमः।, ॐ वृत्तये नमः।, ॐ निवृत्तये नमः।, ॐ नियंताय नमः।, ॐ शाश्वताय नमः।, ॐ ध्रुवाय नमः।, ॐ भगवते नमः।, ॐ अर्हणाय नमः।, ॐ अभिवाद्याय नमः।, ॐ महाकर्मणे नमः।, ॐ उन्मात्ताय नमः।, ॐ प्रच्छन्नाय नमः।, ॐ पातालवासिने नमः।, ॐ महायशसे नमः।, ॐ महाकायाय नमः।, ॐ पन्नगाय नमः।, ॐ शंकरभूषणाय नमः। ॐ अनंतशिखिने नमः।
ॐ पातालवासिने नमः। ॐ महायशसे नमः। ॐ विश्वरूपाय नमः। ॐ महाहनवे नमः। ॐ लोकपालाय नमः।,
ॐ अंतर्हितात्मने नमः।, ॐ प्रसादाय नमः।,
ॐ पवित्राय नमः। ॐ महते नमः।, ॐ नियमाय नमः।,
ॐ नियमाश्रिताय नमः।, ॐ यमुनान्तर्वासिने नमः।,
ॐ विषग्रहाय नमः।, ॐ विषहत्रे नमः।, ॐ नागेन्द्राय नमः।, ॐ नागकन्यापरिवृताय नमः।,
ॐ नागलोकाधिपतये नमः।, ॐ शौरये नमः।, ॐ अपराजिताय नमः। ॐ स्वकर्मणे नमः।, ॐ सर्वभूताय नमः।,
ॐ आवये नमः।, ॐ आविकाराय नमः।, ॐ निधये नमः।, ॐ सहस्राक्षाय नमः।, ॐ विशालाक्षाय नमः।, ॐ शनये नमः।, ॐ केतवे नमः।, ॐ ग्रहाय नमः।, ॐ
ग्रहपतये नमः।, ॐ कालघ्ने नमः।, ॐ विश्वरूपिणे
नमः।, ॐ विश्वात्मने नमः।, ॐ जगत्पतये नमः।,
ॐ सर्वभूतात्मने नमः।, ॐ सर्वेश्वराय नमः।,
ॐ चंचलाय नमः।, ॐ चपलाय नमः।, ॐ महाबलाय, ॐ उत्कंठाय, ॐ अंबुजाय,
ॐ अहिर्बुध्याय, ॐ आह्रिककर्मणे, ॐ अमितविक्रमाय, ॐ अपराजिताय, ॐ
अश्वदाय, ॐ अग्निनेत्राय, ॐ अग्निवपुषे,
ॐ अत्रिपुत्राय, ॐ अनघाय, ॐ आदिनाथाय, ॐ साधकाय, ॐ मंत्राय,
ॐ योगिने, ॐ योज्याय, ॐ महाबीजाय, ॐ महारेतसे, ॐ महाबलाय, ॐ सर्वज्ञाय,
ॐ सुबीजाय, ॐ बीजवाहनाय,
ॐ भूपतये, ॐ विश्वरूपाय, ॐ स्वयं
श्रेष्ठाय, ॐ बलाधीशाय, ॐ अबलाय,
ॐ अट्टहासाय, ॐ अनाकुलाय ॐ अघनाशिने, ॐ अनघाय, ॐ अप्सुनिलयाय, ॐ अर्हाय,
ॐ अष्टमूर्तये, ॐ अनिर्विण्णाय, ॐ अचंचलाय, ॐ अष्टदिक्पालमूर्तये, ॐ अन्तकराय, ॐ गणाय, ॐ गणकत्रे,
ॐ कामाय, ॐ सर्वभावकराय, ॐ सुरूपाय, ॐ तेजसे, ॐ तेजस्करनिधये,
ॐ उदग्राय, ॐ दीर्घाय, ॐ
हरिकेशाय, ॐ सुतीर्थाय, ॐ सिद्धार्थाय,
ॐ सर्वशुभकराय, ॐ अरूपाय, ॐ अनंतरूपाय, ॐ अभ्यंकराय,ॐ अक्षराय
नमः।, ॐ अभ्रवपुषे नमः।, ॐ अव्ययाय नमः।
ॐ अनादिनिधनाय नमः।, ॐ अघशत्रवे नमः।, ॐ
अमराविघ्ने नमः।, ॐ हर्त्रे नमः।, ॐ अनादये
नमः।, ॐ अनुत्तमाय नमः।, ॐ अह्रे नमः।,
ॐ अमोघाय नमः। ॐ बहुरूपाय नमः। ॐ कपर्दिने नमः।, ॐ ऊर्ध्वरेतसे नमः। ॐ सेनापतये नमः।, ॐ विभवे नमः।,
ॐ अहश्चराय नमः।, ॐ नक्तंचराय नमः। ॐ निम्नमन्यवे
नमः।, ॐ सुवर्चसाय नमः।, ॐ गजघ्ने नमः।,
ॐ दैतयघ्ने नमः।, ॐ कालाय नमः।, लोकधाम्ने नमः।, गुणकराय नमः।, सिंहशार्दूलरूपाय नमः।, कालयोगिने नमः।, महानादाय नमः।, सर्वकामाय नमः।, निशाचराय नमः।, बहुधराय नमः।, स्वर्भानवे
नमः।, गतये नमः।नित्यप्रियाय नमः।, नित्यनर्ताय
नमः।, नर्तकाय नमः।, सर्वलालसाय नमः।,
घोराय नमः।, नित्याय नमः।गिरिसहायाय नमः।,
अनभसे नमः।, विजयाय नमः।, व्यवसायाय नमः।, अतीन्द्रियाय नमः।, अघर्षणाय नमः।, घर्षणात्मने नमः।, कामनाशकाय नमः।, सुसहाय नमः।, मध्यमाय
नमः।, तेजोपहारिणे नमः।बलदात्रे नमः। भूरिदाय नमः।, अर्थाय नमः।, अवराय नमः।, गरलांशाय
नमः।गभीराय नमः।, गंभीरबलवाहनाय नमः।, बृहत्कर्णस्थितये
नमः।, सुतीक्ष्णदशनाय नमः।, महाकायाय नमः।,
महाननाय नमः।, अहायाय नमः।, अमृताय नमः।, अघोरवीर्याय नमः।, अवृंगाय नमः।अविघ्नाय नमः।, अमिततेजसे नमः।, अतिवंद्याय नमः।, अष्टांगन्यासरूपाय नमः।, अनिलाय नमः।, अवशाय नमः।, अनावरणीयाय
नमः।, तीक्ष्णतापाय नमः।सहाय नमः।कर्मकालविदे नमः।, समुद्राय नमः।, वडवामुखाय नमः।, हुताशनसहायाय नमः।, प्रशान्तात्मने नमः।, हुताशनाय नमः।उग्रतेजसे नमः।जन्याय नमः।, विजयकालविदे
नमः।, ज्योतिषाम्नायाय नमः।, सिद्धये नमः।सर्वविग्रहाय
नमः।शिखिने नमः।ज्वालिने नमः।, मूर्तिदाय नमः।, भुजंगाय नमः।, बलिने नमः।, तेजस्विने
नमः।, शंखाय नमः।, पद्याय नमः।,
अश्वतराय नमः।, धृतराष्ट्राय नमः।, पणविने नमः।, कालियाय नमः।, कपालाय
नमः।, तालिने नमः।, खलिने नमः।,
कालात्मकवंटकाय नमः।, नक्षत्रविग्रहमनसे नमः।,
गुणबुद्धये नमः।, भावाय नमः।, अनामयाय नमः।, प्रजापतये नमः।विश्वबाहवे नमः। विभावाय
नमः।, सर्वगाय नमः।विमोदनाय नमः।, सुराख्याय
नमः।, हिरण्यकवचधराय नमः।, भेदभंजकाय नमः।,
बलहारिणे नमः।, महीचारिणे नमः।, अशोकाय नमः।, अनुकूलाय नमः।, अमिताशनाय
नमः।, अरण्यवासिने नमः।, अप्रभावाय नमः।,
अनलाय नमः।, स्नुवाय नमः।, सर्वतुर्यविनाशिने नमः।, सर्वतापपरिग्रहाय नमः।,
व्यालरूपाय नमः।, गुहावासिने नमः।, गुहाय नमः।, मालिने नमः।तरंगविदे नमः।अनिर्देश्यवपुषे
नमः।अहोरात्राय नमः।अमृत्यवे नमः।अकारादिहकारान्ताय नमः।, अनिमिषाय
नमः।अस्वरूपाय नमः।अग्रण्याय नमः।, महिषाय नमः।, विकालदृगे नमः।, सर्वकर्मबंधविमोचनाय नमः।, असुरेन्द्राणां नमः।, बंधनाय नमः।, युधि नमः।, शत्रुविनासिने नमः।सांख्यप्रसादाय नमः।,
दुर्वाससे नमः।सर्वशत्रुनिषेविताय नमः।, प्रस्कन्दनाय
नमः।, विभागाशयाय नमः।, अनुकूलाय नमः।,
अप्रथिताय नमः।, असंख्येयाय नमः।, अन्नपतये नमः। अमृतपतये नमः।, अजिताय नमः।, यज्ञांगविदे नमः।, सर्वचारिणे नमः।, दुर्वाससे नमः।, वासनाय नमः।, सर्ववासाय
नमः।, हेमांगाय नमः।अमराय नमः।, धरोत्तमाय
नमः।, लोहिताय नमः।, महाज्ञानाय नमः।,
विजयाय नमः।, विशाखाय नमः।, सर्वकामदाय नमः।सर्वकालप्रसादाय नमः। सुबलाय नमः।बलारूपधृगे नमः।, अपांनिधये नमः।, अपांपतये नमः।, असुरघातिने नमः।अमरप्रियाय नमः।अधिष्ठानाय नमः।, अरविंदप्रियाय
नमः।, अरविंदवदनाय नमः।, अष्टसिद्धिदाय
नमः।, संग्रहाय, निग्रहाय, मुख्याय, अमुख्याय, सर्वपरिनिवासाय,
देहाय, सर्वकामवराय, महावेगाय,
वसुवेगाय, सुवर्चस्विने, बहुरश्मे, अंशवे, रौद्ररूपाय,
अवशाय, जितात्मने, आकाशनिर्विरूपाय,
सर्वज्ञाय, निशांपतये, अतिदीप्ताय,
सहस्रदाय, मनोवेगाय,सर्ववासिने,
श्रद्धावासिने, अकाराय, उपवेशकराय,
आत्मभिदे, संलग्नाय, अनंतशयाय,
अनंतब्रह्मांडपतये, अशिवविनाशाय, अतिभूषणाय, अविद्याधराय, सिद्धसाधनाय,
महर्षये, सिद्धयोगिने, दक्षिणाय,
प्राच्यै, यशसे, अर्थकराय,
अव्ययाय, भावनाय, कामाय,
उन्मादाय, भिक्षवे, विषयाय,
मृदवे, महीसैन्याय, विशाखाय,
षष्ठिभागाय, रिपुभिदे, चतुरस्तंभाय,
वृत्तावृत्तकराय, ताल्नाय, मधवे, अतिप्रियाय, अकल्मषाय,
अकलयाय, अतुलितबलाय, अचलरूपाय,
अघोराय, अक्षोभ्याय, अलक्ष्मीनाशकाय,
मधुकलाय, वाचस्पतये, वाजसेनाय,
आश्रमपूजिताय, ब्रह्मचारिणे, लोकचारिणे, विचारविदे, सर्वचारिणे,
अतिसुंदराय, मनोहराय, अद्वैताय,
अमितप्रभवाय, अवनिपतये, अपवर्गप्रदाय,
कालाय, निशाचारिणे, पिनाकधृषे,
विभिन्नस्थाय, नंदिने, नंदिकराय,
अर्चिष्मते, निमित्ताय, नंदनाय,
अघहारिणे, विरचिने, विश्ववरदाय,
ज्ञानरूपाय, विश्वचक्षुषे, जगन्मायिने, महाकालाय, विद्यानिधये,
अमदाय, गजरूपाय, सत्यधराय,
सुराधीशाय, समस्तसाक्षिणे, संसाराय, त्रिलोकाय, अमोघविक्रमाय,
पुष्टाय, वक्रगतये, कांतिदाय,
कामरूपिणे, कामयोगिने, कमलाक्षाय,
शुद्धाय, दीघ्रतुंडाय, सुराध्यक्षाय,
योगाध्यक्षाय, बीजाध्यक्षाय, बलाय, इतिहरय, निशाकराय,
दलाय, अह्नाय, वैदर्भाय,
भारवर्जिताय, आपदाय, गणप्रियाय,
गणप्रियसुहृदे, गणविहरणानित्याय, गणप्रतीतिवर्धनाय, अतिधूम्राय, गणगर्वपरिहत्रे, गणप्रवृत्तमानसाय, महाश्चालाय, अग्निज्वालाय, महाघोराय,
महामेघवासिने, अमरमर्दनाय, भयंकराय, नैष्काराय, अभयदात्रे,
बहुप्रसादाय, अनागताय, गोत्रर्तिनाशिने,
गोत्रप्रियाय, गोत्रपतये, गोपदप्रियाय, गौतमाय, अविनाशाय,
गौतमामृत्युपरिहाराय, गौतमीतीर्थदाय, गौतमार्तिसंहारिणे, महायशसे, महाकायाय,
सर्ववह्निमणिप्रियाय, सुवर्णाय, कुलवर्णाय, महागर्भपरायणाय, महाकायाय,
उत्सर्गाय, लघवे, महाग्रीवायं,
शरण्याय, सिद्धसेनाय, अव्यग्राय,
गणाध्यक्षाय, गणसाध्याय, गणनायकाय, ज्योतिश्चराय, सिद्धवेदाय,
लीलासेविताय, पूर्णाय, परमसुंदराय,
नित्याय, कवये, लोककर्मिणे,
महाकर्त्रे, अनौषधाय, परब्रह्मणे,
कालपतये, नीतये, अनीतये,
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अंगलुब्धाय, नीलाय, वर्चस्विने,
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मूर्तये, गणसर्वस्मै, गणप्राणाम,
गणस्तुताय, भागकराय, भामिने,
कलिनाशनाय, महायोगिने, महात्मने,
भुवनेश्वराय, भूतभव्याय, भावितात्मने, भूतनिकराय, शरण्याय,
वरेण्याय, सुसंयुक्ताय, परद्राणाय,
प्रीतात्मने, महाबुद्धये, प्राप्तबाणाय,गरिष्ठदृशे, गौरकीर्तये,
गौरिप्रणयाय, गौरिवरप्रदाय, गौरिप्रियाक्षाय, गौरीशनंदनाय, मनोवांछितसिद्धकृते, महामूर्ने, महानेत्राय, महांतकाय, महाहनवे,
महानासाय, महाग्रीवाय, अंतरात्मने,
बभ्रुवाहनाय, आनंदितमनसे, कृतमंगलाय, कपर्दिने, प्रचंडवेगाय,
सुमनसे, धर्मवरुणाय, समायुक्ताय,
कृतिनां, वराय, आस्यदंतपंक्तये,
श्रेष्ठाय, कारुणिकाय, बोधकाय,
समलोकज्ञाय, सर्पराज्ञे, संजीवनाय, जीवनाय, जगज्जीवाय,
जगत्पतये, गणैकनेत्रे, गानपराय,
गानयज्ञाय, गानसिंधवे, गानभूषणाय,
गानसमुद्राय, गानांगज्ञानदृगे, गानभूतये, गानोत्सुकाय, महाभूताय,
महादिव्याय, महाद्रष्टे, महाकृताय, महामायाय, मायातत्त्वाय,
गतश्रमाय, ज्ञानविज्ञानसंपन्नाय, गानश्रवणलालसाय, गानयज्ञाय, गानप्रणयवते,
गानध्यात्रे, गानगुणिने, विश्वप्रियाय, संविभागिने, कल्पकत्रे,
कल्याणकराय, परावराय, परावज्ञाय,
समास्थाय, अर्थप्रदाय, देवाधिपतये, मेरुधाम्ने, मंडलिने, वायुवाहनाय,
अनलाय, स्नेहाय, अस्नेहाय,
अर्हिताय, महामुनये, गंधर्वाय,
विद्वत्तमाय, विधये, पतंगाय,
गतिप्रियाय, सर्वदमनाय, भावितात्मने,
दीर्घक्रोधाय, आलोककृते, नाभये, आशुवेगाय, अध्ययनाय,
कालपूजिताय, कालाय, कालिकाय,
यज्ञाय, यज्ञसमाहिताय, कीर्तिकराय,
वरुचिने, परंतापाय, अमरश्रेष्ठाय,
समुदाचाराय, तमोघ्ने, अंत:करणाय,
प्रमतनिद्राय, भूतेशाय, गगनस्थाय,
जीवानंदाय, अग्नये ध्रुवाय, वरुणपाशाय, जगत्स्वामिने, कंचनवृद्धाय,
कनकाय, उपकाराय, अभिगम्याय,
अमोघाय, प्रशमाय, ऋजुपादभुजाय,
सगणाय, वीर्यनिधये, असंगगामिने,
सुरकार्यज्ञाय, सुरश्रेष्ठाय, सुरपतये, वयसा, पतये, संप्रतापनाय, भूमिजनकाय, अनिमिषगतये,
सर्वपूजिताय, कवीशाय, कपिलाय,
अंबुजाय, विश्वकर्मभूतये, जलेशयाय, महाक्रोधाय, अनुकांक्षिणे,
पराय, अपराय, सर्वांगरूपाय,
मायाविने, सत्यशस्राय, विश्वेदेवाय,
अनिलयाय, अलौकिकाय, सर्वतोमुखाय,
प्रणताय, कालानिलद्युतये, सुखसंपदाय, जगतामादिकारणाय, महेन्द्रमित्राय,
सर्वपतये, सर्वशत्रुनिवारणाय, सर्वकल्याणभाजनाय, वैश्रवणाय, सर्वाशयाय,
पुण्यसंचयाय, अतिशांताय, महागर्भाय, उरुगाय, दीर्घलोचनाय,
समायुक्ताय, लोकेशाय, अलोकेशाय,
वेदनिलयाय, प्रकृतिस्थिताय, हरिप्रियाय, मोक्षाधारनिकेतनाय, राजाधिराजाय, विद्याधराय, विषादधुने,
सर्वोपाधिस्थितिकराय, स्वाहास्वधावेदाधिकाराय,
विघ्नदात्रे, सुगंधप्रियाय, धर्मप्रवर्तकाय, वेदप्रतिष्ठाय, सर्वप्राणिपतये, सुखकराय, सर्वरत्नविदे,
जगत्कालस्थानाय, लोकहिताय, कवचांगाय, सर्वभूतवादिने, सर्वभूतनिलयाय,
दिव्यजनमनोहराय, मायामुक्ताय, अधिदेवाय, पुराणप्रभवे, सत्त्वात्मने,
सप्तसागराय, सत्यविदे, सत्त्वसाराय,
सत्यध्यानप्रियाय, संतापनाशनाय, सर्वनिर्णयाय, सर्वसाक्षिणे, . बहुलानंदवर्धनाय, अव्यक्तपुरुषाय, परमात्मने, परात्परविनिर्मुक्ताय, सत्यप्रकाशात्मने,भावकरणाय, भयसंतापनाशनय,
प्रत्यक्ब्रह्मसनातनाय, प्रमाणविगताय, प्रत्याहारिनियोजकाय, प्रणवाय, प्रणवातीताय, परमात्मने, प्रबोधकाम्नाधाराय,
संस्थिताय, यज्ञाय, आवेदनीयाय,
सर्वसंघसुखाय, तारणाय, कलाधिपतये,
परात्पराय, चराचरविकासकृते, विश्वप्रणवकृते, नमस्कारप्रियाय, युगादिकरणाय, वेदशास्त्राय, जातवेदसे,
जगद्धृते, कांतये, संयोगवर्धनाय,
गुणाधिकवृद्धाय, नित्यतृप्ताय, सुवर्णविज्ञात्रे, आवर्तमानवपुषे, वसुश्रेष्ठाय, अंगिरथयोगिने, निर्जीवाय,
निधनाय, महार्णवाय, पंडिताय,
मदपाय, युगरूपाय, युगकराय,
अधियोगाय, धर्मकर्मप्रभावकृते, आधारभूताय, धनधान्यसमृद्धिने, संतापसंहर्त्रे,
मनोवांछितदायकाय, कालाभयनंतरूपाय, मुनिवरनमस्कृताय, सामन्यधनपूजिताय, समाराधनाय, भक्तदु:खक्षयकराय, भवसागरतारकाय,
विसर्गाय, सकलाध्यक्षाय, सुमुखाय, सर्वयुद्धाय, सुखजाताय,
सर्वकर्मोत्थानाय, अप्रमेयपराक्रमाय, दिव्यचैतन्याय, देवानां, परमागतये,
परंधाम्ने, परंसुखाय, व्यवसायाय,
योगमायाधराय, परंतपसे, योगारीन्प्रकाशाय,
योगपातालाय, सत्यविद्यानमस्काराय, जगन्मोहनाय, इडानारीस्वरूपाय, मरणदुःखविमोचानाय, कृपासिंधवे, कल्पद्रुमनिषेविताय, चिंतामणिविभूषांगाय, चिंतामणिप्रियाय, चिंतासागरवारणाय, कुंडलिने, विकृताय,
सर्वाश्रयकामाय, ऊर्ध्वसंहताय, सर्वदेवमयाय, सर्वलोककृते, एकाय,
एकांतिकाय, नानाभावविवर्जिताय, पूर्णविषाय, नानारूपधाराय, प्राणपंचकनिर्मुक्ताय,
कविपंचकवर्जिताय, निर्वाणाय, निष्कालाय, निष्प्रपंचाय, निराश्रयाय,
निष्ठासर्वज्ञाय, संसारश्रमनाशकाय, दूरत्वपरिनाशाय, प्रत्यकूचैतन्यगर्भाय, आरोग्यसुखदाय, अनंतविक्रमाय, जितसिंधवे,
जयप्रदाय, जनानंदाय, जगत्पापनाशनाय,
तीर्थसेविने, तीर्थवासिने, तीर्थनीरनिवासकराय, तपोनिष्ठाय, तपोधनसमाश्रयाय, त्रैलोक्यवशकराय, दारिद्रनाशकाय, दु:खसागरभंजनाय, कृष्णपिंगलाय, कृष्णवर्णाय, ऊर्ध्वगात्मने,
अनन्तरूपाय, स्वयंभुवे, अतितेजसे,
जगपालकाय, धर्मवर्धनाय, अमृताय,
उपद्रष्ट्र, वेदसिद्धान्तवेद्याय, पुरातनाय, तापत्रयनिवारकाय, संसारतमनाशकाय,
संकल्पदुःखदहनाय, तापसोत्तमवंदिताय, ब्रह्मप्रकाशात्मने, ब्रह्मविद्याप्रकाशनाय, सर्वभावविदिताय, वरण्याय, महाप्रसादाय,
प्रयतात्मने, साध्यर्षये, सर्वसुसंकल्पविस्तारणाय, सूक्ष्मात्मने, सर्वसाधारणाय, प्रधानधृगे, जीवसंजीवनाय,
परिक्रमाय, महाभीमाय, सर्वभावविनिःसृताय,
अंत:शून्याय, बहि:शून्याय, शून्यात्मने, शून्यभावनाय, अंत:पूर्णाय,
अनंतपूर्णाय, अंतर्यागिने, अंतर्निष्ठाय, बाह्यांतर्विमुक्ताय, कालकालाय, कैवल्याय, निगमाश्रयाय,
युक्तसद्गतये, प्रजाजीवाय, संख्यासमाय, पर्यटनपराय, आयनिर्गमाय,
निर्वाणाय, मोक्षकराय, विविक्ताय,
भावाय, असंवेदिने, अनाश्रयारंभाय,देहधर्मविदितात्मने, सर्वकामफलदाय, सर्वकामनिवर्तकाय, सर्वकामफलाश्रयाय, जगद्वपुषे, मालासप्तप्रवर्तकाय,
संशयार्कवशंकराय, फलदात्रे, फलेश्वराय, फलिरूपाय, फलिगर्भाय,
बुद्धसारनिर्वाणकाय, शंकरप्रियाय, भयनाशकाय, महावताराय, भारभृते,
भुवनभयाय, देवासुरगणाश्रयाय, देवासुरनमस्कृताय, परागतये, देवासुरगणाधिपतये,
देवासुरगुरवे, विश्रामाय, आत्मसंभवाय, माननीयाय. मूर्ताय, मत्तमातंगविक्रमाय, मर्मज्ञाय, मंदारकुसुमप्रियाय, यशस्याय, यशोराशये,
योगकर्त्रे, योगपालनाय, राजमंडलप्रतिष्ठाय,
रक्षोध्ने, वसुधापालकाय, वायुजीवाय, विश्वकराय, शरणाश्रयाय,
शोभनाय, सुदर्भाय, अमराय,
पिलुशाय, सर्वदेवाय, सुरगणाय,
अभिरामाय, सर्वपावनाय, वज्रिणे,
शांतिदात्रे, शांतिकत्रे, शांतिरक्षकाय, षट्चक्रभेदनकराय, सज्जनप्रियाय, सर्वपापप्रमोदकाय, सर्वसाधनाय, नियमवर्धनाय, सिद्धभूताय,
भक्तानां, परमागतये, सर्वानां,
नमस्कृताय, सर्वयशस्वरूपाय, क्षेमप्रदाय, स्थावरपतये, वराय,
व्रताधिपाय, श्रीवर्धनाय, सकलात्मने, पूज्याय, सहस्ररूपाय,
परसंवेदनात्मकाय, स्वानुसंधानाय, भोगमोक्षकलाप्रदाय, सागराय, योगिहृदयविश्रामाय,
आदिदेवाय, रसातलस्थिताय, शुद्धाय, सर्वव्याधिनिवारकाय, दुःस्वप्ननाशकाय,
सौम्याय, विषवाधाविनाशकाय, वीर्यातिशयसंयुक्ताय, नागराज्ञे, ॐ धर्मधारकय, ॐ भक्त्ष्टदाननिरताय, ॐ प्रसन्नात्मने, ॐ पुरातनाय, ॐ
अनन्तनाम्ने, ॐ सुमनसे, ॐ रसातलसमाश्रिताय,
ॐ वायुभक्षिणे, ॐ धराशायिने, ॐ धर्माधर्मविवेचकाय, ॐ पुत्रदाय, ॐ कीर्तिदाय, ॐ सत्याय, ॐ भक्तानामभयंकराय,
ॐ सौभाग्यदाय, ॐ सदासेव्याय, ॐ ज्ञानमार्गप्रदीपकाय नमः।
।। इति नागसहस्रनामावलिः ।।
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