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कर्मकाण्ड

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श्रीदेवीरहस्य पटल ७

श्रीदेवीरहस्य पटल ७

रुद्रयामलतन्त्रोक्त श्रीदेवीरहस्यम् के पटल ७ में देवी, वैष्णव और शाक्त मन्त्रों के शापोद्धार की विधि के विषय में बतलाया गया है।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७

रुद्रयामलतन्त्रोक्तं श्रीदेवीरहस्यम् सप्तमः पटल: शापोद्धारविधिः

Shri Devi Rahasya Patal 7

रुद्रयामलतन्त्रोक्त श्रीदेवीरहस्य सातवाँ पटल

रुद्रयामल तन्त्रोक्त श्रीदेवीरहस्यम् सप्तम पटल

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ शापोद्धार विधि

अथ सप्तमः पटल:

श्रीभैरव उवाच

अधुना कथयिष्यामि विद्यां शापहरी शिवे ।

सर्वेषामेव मन्त्राणां कलौ निस्तेजसां शृणु ॥ १ ॥

श्री भैरव ने कहा कि हे शिवे ! कलियुग में सभी मन्त्र शाप से निस्तेज हो गये हैं। अब मैं उनके शापोद्धार के मन्त्रों का वर्णन करता हूँ, जिससे सभी मन्त्र शापमुक्त होते हैं और साधकों के अभीष्ट मनोरथ पूर्ण होते हैं ।। १ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७- बालामन्त्रशापमोचनम्

या बाला भैरवी सैव सैव त्रिपुरसुन्दरी ।

त्रिपुरा यास्ति सा काली श्यामा सैव परा स्मृता ॥ २ ॥

तारं परां रमां बाले शिवशापं विमोचय ।

विमोचय हरं नीरं बालाशापहरी स्मृता ॥ ३ ॥

बाला मन्त्र - शापमोचन मन्त्र- जो बाला है, वही भैरवी है, वही त्रिपुरसुन्दरी है, वही त्रिपुरा है, वही काली श्यामा है, वही परा शक्ति है। इसके शापमोचन का मन्त्र है- ॐ ह्रीं श्रीं बाले शिवशापं विमोचय फट् स्वाहा।। २-३।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -भैरवीमन्त्रशापमोचनम्

वाणी शरत् स्मरो रुद्रशापं मोचय मोचय ।

तुरगं ठद्वयं देवि भैरवीशापमोचनम् ॥४॥

भैरवी सुन्दरी- शापमोचन मन्त्र-वाणी=  ऐं, शरत्=  सौः, स्मर = क्लीं, रुद्रशापं मोचय मोचय, फट्, ठद्वय स्वाहा के योग से भैरवी त्रिपुरसुन्दरी का शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है-ऐं सौः क्लीं रुद्रशापं मोचय मोचय फट् स्वाहा ।।४।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -सदाशिवमन्त्रशापमोचनम्

बालाबीजत्रयं कूटमाद्यं तारं परां रमाम् ।

सदाशिवस्य शापं च मोचय- द्वयमुद्धरेत् ॥ ५ ॥

सदाशिव मन्त्र शापमोचन मन्त्र - बालाबीजत्रय= ऐं क्लीं सौः, सदाशिव मन्त्र का आद्य कूट = ऐं सौ: क्ली, सतारं परां रमा=  ॐ ह्रीं श्रीं सदाशिवस्य शापं मोचय मोचय के योग से यह मन्त्र बनता है-ऐं क्लीं सौः ऐं सौः क्लीं ॐ ह्रीं श्रीं सदाशिवस्य शापं मोचय मोचय । ॥ ५॥

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -कालीमन्त्रशापमोचनम्

शरत् कूटं पठेदन्ते विधेयं शापहारिणी ।

श्यामा परमविद्येयं द्वाविंशत्यक्षरी परा ॥ ६ ॥

काली मन्त्र - शापमोचन मन्त्र - काली के द्वाविंशाक्षर मन्त्र के अन्त में 'सौः क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं' लगाकर जप करने से शापमोचन होता है ।।६।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -महाश्रीषोड़शीमन्त्रशापमोचनम्

महाश्रीषोडशीविद्या सर्वदोषविवर्जिता ।

तथापि दुर्लभां विद्यां वक्ष्येऽहं शापहारिणीम् ॥७॥

द्वाविंशत्यक्षरीदेव्या यथा मन्त्रो हि सिद्ध्यति ।

काली कूर्चं परं नाम दक्षिणे कालिके तथा ॥८ ॥

वसिष्ठशापं प्रोच्चार्य मोचय-द्वयमीश्वरि ।

काली कूर्चं परां नीरमेषा स्याच्छापहारिणी ॥ ९ ॥

महा श्रीषोड़शी विद्या- शापमोचन- महा श्रीषोड़शी विद्या में यद्यपि कोई दोष नहीं है, तथापि दुर्लभ शापविमोचनी विद्या को बतलाता हूँ। जैसे बाईस अक्षरों का काली-मन्त्र सिद्ध होता है, वैसे ही 'क्री हूं ह्रीं दक्षिणकालिके वशिष्ठशापं मोचय मोचय क्रीं हूं ह्रीं स्वाहा' मन्त्र से शापमोचन होता है।। ७-९ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -भद्रकालीमन्त्रशापमोचनम्

काली भीमां तटं भद्रकालि भीमां शिवस्य हि ।

शापं मोचय- युग्मापो विद्येयं शापहारिणी ॥ १० ॥

भद्रकाली- शापमोचन मन्त्र-काली= क्रीं, भीमा= भैं, तट = हूं, भद्रकालि= भैं, शिवस्य शापं मोचय मोचय से भद्रकाली- शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है- क्रीं भैं हूं भद्रकालि भैं शिवस्य शापं मोचय मोचय ।। १० ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -मातङ्गीमन्त्रशापमोचनम्

तारं परां च मातङ्गि कालशापं विमोचय ।

तुरगं नीरमन्ते तु विद्येयं शापहारिणी ।।११।।

मातङ्गी मन्त्रशापमोचन मन्त्र-मातंगी मन्त्र के शापमोचन मन्त्र तार = ॐ, परा= ह्रीं, मातङ्गि कालशापं विमोचय, तुरंग= फट्, नीर= स्वाहा के योग से बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं मातङ्गि कालशापं विमोचय फट् स्वाहा ।। ११ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -भुवनेश्वरीमन्त्रशापमोचनम्

मायां भैरवशापं च मोचय-द्वयमञ्चले ।

मायां स्याद्भुवनेश्वर्या विद्येयं शापहारिणी ॥ १२ ॥

भुवनेश्वरी - शापमोचन मन्त्र - माया=ह्रीं, भैरवशापं मोचय मोचय, माया = ह्रीं, के योग से भुवनेश्वरी शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र हैह्रीं भैरव शापं मोचय मोचय ह्रीं ।। १२ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -उग्रतारामन्त्रशापमोचनम्

प्रणवं कामिनी मायां ब्रह्मशापं विमोचय ।

विमोचयापस्ताराया विद्येयं शापहारिणी ॥ १३ ॥

तारा मन्त्रशापविमोचन मन्त्र - तारा मन्त्रशापमोचन मन्त्र प्रणव= ॐ, कामिनी= स्त्रीं, माया = ह्रीं, ब्रह्मशापं विमोचय विमोचय के योग से बनता है। मन्त्र है – ॐ स्त्रीं ह्रीं ब्रह्मशापं विमोचय विमोचय ।।१३।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -छिन्नमस्तामन्त्रशापमोचनम्

वासनां कमलां मायां रुद्रशापं विमोचय ।

मोचयापो मयाख्यातं छिन्नमस्ताङ्कमोचनम् ।।१४।।

छिन्नमस्ता मन्त्रशाप मोचन छिन्नमस्ता मन्त्रशाप मोचनमन्त्र वासना = ऐं, कमला= श्रीं, माया = ह्रीं, रुद्रशापं मोचय मोचय स्वाहा के योग से बनता है। मन्त्र हैऐं श्रीं ह्रीं रुद्रशापं मोचय मोचय स्वाहा।। १४ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -सुमुखीमन्त्रशापमोचनम्

वाग्भवं कामराजं च शिवशापं विमोचय ।

परां नीरमियं विद्या सुमुख्याः शापहारिणी ।। १५ ।।

सुमुखी विद्या शापमोचन मन्त्र - सुमुखी विद्या शापमोचन मन्त्र वाग्भव = ऐं, कामराज = क्लीं, शिवशापं विमोचय, परा= ह्रीं, नीरम्= स्वाहा के योग से बनता है। मन्त्र है-ऐं क्लीं शिवशापं विमोचय ह्रीं स्वाहा ।।१५।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -सरस्वतीमन्त्रशापमोचनम्

प्रणवं वासनां तारं सरस्वति वदेत्ततः ।

दुर्वास: शापं मुञ्चाशु ठद्वयं शापमोचनम् ।। १६ ।।

सरस्वती मन्त्रशापमोचन- प्रणव= ॐ, वासना=ऐं, तारं = ॐ, सरस्वति दुर्वास: शापं मुञ्चाशु, ठद्वय= स्वाहा, के योग से सरस्वती शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ऐं ॐ सरस्वति दुर्वास: शापं मुञ्चाशु स्वाहा।। १६ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -अन्नपूर्णामन्त्रशापमोचनम्

तारं परामन्नपूर्णे शिवशापं विमोचय ।

कूर्चं हरं वनं देवि विद्येयं शापहारिणी ॥१७॥

अन्नपूर्णा मन्त्रशापमोचन- तार प्रणव= ॐ, परा=ह्रीं, अन्नपूर्णे शिवशापं विमोचय, कूर्च = हूँ, हरं= फट् वनं= स्वाहा, के योग से अन्नपूर्णा शाप विमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं अन्नपूर्ण शिवशापं विमोचय हूं फट् स्वाहा ।। १७ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -महालक्ष्मीमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमां महालक्ष्मि विष्णुशापं विमोचय ।

तुरगं नीरमीशानि विद्येयं शापहारिणी ।। १८ ।।

महालक्ष्मी मन्त्र – शापमोचन- तारं = ॐ, रमां= श्रीं, महालक्ष्मि विष्णुशापं विमोचय तुरगं = फट्, नीरम्= स्वाहा, के योग से महालक्ष्मी शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं महालक्ष्मि विष्णुशापं विमोचय फट् स्वाहा ।। १८ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -शारिकामन्त्रशापमोचनम्

तारं च सिन्धुरं देवि शारिके ब्रह्मलाञ्छनम् ।

मोचय-द्वयमापश्च विद्येयं शापहारिणी ॥ १९ ॥

शारिका मन्त्र शापमोचन तारं= ॐ, सिन्धुर= फ्रां, देवि शारिके ब्रह्मलाञ्छनम् मोचय मोचय के योग से शारिका मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ फ्रां देवि शारिके ब्रह्मलाञ्छनम् मोचय मोचय । । १९ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -शारदामन्त्रशापमोचनम्

तारं मायां शारदे च विष्णुशापं विमोचय ।

शक्तिर्नीरं महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥ २० ॥

शारदा मन्त्रशापमोचन - तारं= ॐ, माया= ह्रीं, शारदे विष्णुशापं विमोचय सौः नीरं= स्वाहा, के योग से शारदा मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं शारदे विष्णुशापं विमोचय सौः स्वाहा ।। २० ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -इन्द्राक्षीमन्त्रशापमोचनम्

तारं वाणी शरत्काममिन्द्राक्षि ब्रह्मलाञ्छनम् ।

मोचयद्वथमापश्च विद्येयं शापहारिणी ॥ २१ ॥

इन्द्राक्षी मन्त्र शापमोचन- तारं= ॐ, वाणी=ऐं, शरत्= सौः, काम =क्लीं, इन्द्राक्षि ब्रह्मलाञ्छनम् मोचय मोचय के योग से इन्दाक्षी मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ऐं सौः क्लीं इन्द्राक्षि ब्रह्मलाञ्छनम् मोचय मोचय ।। २१ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -बगलामुखीशापमोचनम्

तारं मृत्स्नां च बगले रुद्रशापं विमोचय ।

तारं मृदं वनं देवि विद्येयं शापहारिणी ॥ २२ ॥

बगला शापमोचन मन्त्र-तारं= ॐ, मृत्स्ना = ह्रीं, बगले रुद्रशापं विमोचय तार= ॐ, मृदं = ह्रीं, वनं= स्वाहा, के योग से बगला मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं बगले रुद्रशापं विमोचय ॐ ह्रीं स्वाहा ।। २२ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -महातुरीमन्त्रशापमोचनम्

तारं तारां च तुर्ये तु शिवशापं विमोचय ।

तारकं ठद्वयं देवि विद्येयं शापहारिणी ॥ २३ ॥

महातुरी मन्त्र शापमोचन-तार= ॐ, तारा=त्रों, तुर्ये शिवशापं विमोचय तारक, ठद्वय= स्वाहा, के योग से महातुरी मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है- ॐ त्रों तुर्ये शिवशापं विमोचय त्रों स्वाहा ।। २३ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -महाराज्ञीमन्त्रशापमोचनम्

तारं वह्निं शरद्राज्ञि ब्रह्मशापं विमोचय ।

विमोचय वनं देवि विद्येयं शापहारिणी ॥ २४ ॥

महाराज्ञी मन्त्र शापविमोचनतार= ॐ, वह्नि = रां, सौः राज्ञि ब्रह्मशापं विमोचय विमोचय, वनं= स्वाहा, के योग से महाराज्ञी मन्त्र शापविमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ रां सौः राज्ञि ब्रह्मशापं विमोचय विमोचय स्वाहा । इस मन्त्र के जप से शापविमोचन होता है।। २४ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -ज्वालामुखीमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमां परां ज्वालामुखि भैरवलाञ्छनम् ।

कूर्च नीरं महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥ २५ ॥

ज्वालामुखी मन्त्रशापविमोचन- तार= ॐ, रमा= श्रीं, परा=ह्रीं, ज्वालामुखि भैरवलाञ्छनम्, कूर्च = हूं, नीरं= स्वाहा, के योग से ज्वालामुखी मन्त्र शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं ह्रीं ज्वालामुखि भैरवलाञ्छनं हूँ स्वाहा ।। २५ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -भीड़ामन्त्रशापमोचनम्

तारं परां रमां भीडे ध्रुवशापं विमोचय ।

मोचयापो महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥ २६ ॥

भीड़ा देवी मन्त्रशाप विमोचन - तार = ॐ, ह्रीं श्रीं भीड़े ध्रुवशापं विमोचय विमोचय, आपः = स्वाहा मन्त्र है - ॐ ह्रीं श्रीं भीड़े ध्रुवशापं विमोचय विमोचय स्वाहा ।। २६ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -कालरात्रिमन्त्रशापमोचनम्

तारं वाणी च डिम्बं च कालरात्रि शिवस्य च ।

शाप मोचय नीरं च विद्येयं शापहारिणी ॥ २७ ॥

कालरात्रि मन्त्रशाप मोचन मन्त्र-तार= ॐ, वाणी= ऐं, डिम्ब= ह्रां, कालरात्रि शिवस्य शापं मोचय, नीरं= स्वाहा, के योग से कालरात्रि मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ऐं ह्रां कालरात्रि शिवस्य शापं मोचय स्वाहा।। २७।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -भवानीमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमां रमां तारं रुद्रशापं विमोचय ।

कूर्च हरं वनं देवि विद्येयं शापहारिणी ॥ २८ ॥

भवानी मन्त्रशापमोचन मन्त्र-तार= ॐ, रमा= श्रीं, रमा= श्रीं, तार= ॐ, रुद्रशापं विमोचय, कूर्च = हूँ, हर= फट्, वनं= स्वाहा, के योग से भवानी शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं श्रीं ॐ रुद्रशापं विमोचय हूं फट् स्वाहा।। २८ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -वज्रयोगिनीमन्त्रशापमोचनम्

तारं परां परां तारं वज्रयोगिनि प्रोद्धरेत् ।

शिवशापं मोचयापो विद्येयं शापहारिणी ॥ २९ ॥

वज्रयोगिनी मन्त्रशापमोचन मन्त्र-तारं = ॐ, परा= ह्रीं, परा= ह्रीं तारं =ॐ वज्रयोगिनि शिवशापं विमोचय, आपः=स्वाहा, के योग से वज्रयोगिनी मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं ह्रीं ॐ वज्रयोगिनि शिवशापं विमोचय स्वाहा ।। २९ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -वाराहीमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमां च वाराहि नारदाङ्कं विमोचय ।

मठं नीरं महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥ ३० ॥

वाराही मन्त्रशापमोचन - तार= ॐ, रमा= श्रीं, वाराहि नारदांकं विमोचय, मठं= ग्लौं, नीर= स्वाहा, के योग से वाराही मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है- ॐ श्रीं वाराही नारदांकं विमोचय ग्लौं स्वाहा ।। ३० ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -सिद्धलक्ष्मीमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमां सिद्धलक्ष्मि सिद्धशापं विमोचय ।

वाणी शरत् स्मरो नीरं विधेयं शापहारिणी ॥ ३१ ॥

सिद्धलक्ष्मी मन्त्रशापमोचन तार = ॐ, रमा= श्रीं, सिद्धलक्ष्मि सिद्धशार्प विमोचय, वाणी= ऐं, शरत्= सौः, स्मर= क्लीं, नीरं= स्वाहा, के योग से सिद्धलक्ष्मी मन्त्रशाप मोचनमन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं सिद्धलक्ष्मि सिद्धशापं विमोचय ऐं सौं क्लीं स्वाहा ।। ३१ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -कुलवागीश्वरीमन्त्रशापमोचनम्

तारं व्योषं रमां काङ्क्षां कुलवागीश्वरि स्फुटम् ।

शिवशापं च मुञ्चापो विद्येयं शापहारिणी ॥ ३२ ॥

कुलवागीश्वरी मन्त्रशापमोचन- तारं = ॐ, व्योष = ह्रां, रमा= श्रीं, कांक्षों = झं, कुलवागीश्वरि शिवशापं मुञ्च, आपः = स्वाहा, के योग से कुलवागीश्वरी मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रां श्रीं झं कुलवागीश्वरि शिवशापं मुञ्च स्वाहा ।। ३२ ।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -पद्मावतीमन्त्रशापमोचनम्

तारं मायां च पद्मं च पद्मावति हरेस्तथा ।

शापं मुञ्चयुगं नीरं विधेयं शापहारिणी ॥३३॥

पद्मावती मन्त्रशापमोचन- तारं = ॐ, माया = ह्रीं, पद्मं= ठः, पद्मावति हरशापं मुञ्च मुञ्च, आपः = स्वाहा, के योग से पद्मावती मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं ठः पद्मावति हरशापं मुञ्च मुञ्च स्वाहा ।।३३।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -कुब्जिकामन्त्रशापमोचनम्

तारं मायां कुब्जिके च जह्रुशापं विमोचय ।

नीरमन्ते महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥ ३४ ॥

कुब्जिका मन्त्रशापमोचन-तार= ॐ, माया= ह्रीं, कुब्जिके जह्नशापं विमोचय, नीरं = स्वाहा, के योग से कुब्जिका मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं कुब्जिके जह्रुशापं विमोचय स्वाहा ।। ३४ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -गौरीमन्त्रशापमोचनम्

तारं शिवं गौरि भृगोः शापं मोचय मोचय ।

नीरमन्ते मनोर्देवि विद्येयं शापहारिणी ॥ ३५ ॥

गौरी मन्त्रशापमोचन - तार= ॐ, शिव=ह्रां, गौरि भृगोः शापं मोचय मोचय,नीरं= स्वाहा, के योग से गौरी मन्त्र शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रां गौरि भृगोः शापं मोचय मोचय स्वाहा ।। ३५ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -खेचरीमन्त्रशापमोचनम्

तारं खेचरि रुद्रस्य शापं मोचय मोचय ।

परां नीरं महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥ ३६ ॥

खेचरी मन्त्रशापमोचन- तार = ॐ, खेचरि रुद्रस्य शापं मोचय मोचय ह्रीं स्वाहा के योग से खेचरी मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ खेचरी रुद्रस्य शाप मोचय मोचय ह्रीं स्वाहा ।। ३६ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -नीलसरस्वतीमन्त्रशापमोचनम्

तारं वाणी च नीलेति सरस्वति हरिच्छलम्।

मोचयापो मनोरन्ते विद्येयं शापहारिणी ॥ ३७ ॥

नीलसरस्वती मन्त्रशापमोचन-तार= ॐ, वाणी= ऐं, नीलसरस्वति हरिच्छलम् मोचय स्वाहा के योग से नीलसरस्वती मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ऐं नीलसरस्वती हरिच्छलं मोचय स्वाहा ।। ३७।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -पराशक्तिमन्त्रशापमोचनम्

तारं शक्ति: पराशक्ते शिवशापं विमोचय ।

विमोचय शरन्नीरं विद्येयं शापहारिणी ॥ ३८ ॥

पराशक्ति मन्त्रशापमोचन- तार = ॐ, शक्ति = सौः, पराशक्ते शिवशापं विमोचय, विमोचय, शर= फट्, नीर= स्वाहा, के योग से परा शक्ति शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ सौः पराशक्ते शिवशापं विमोचय विमोचय फट् स्वाहा ।। ३८ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -शैवमन्त्रशापमोचनमन्त्राः

अधुना शैवमन्त्राणां कीलितानां महेश्वरि ।

सर्वसाधारणी विद्यां वक्ष्येऽहं शापहारिणीम् ॥ ३९ ॥

निष्कीलितानां मन्त्राणां विद्यां शापहरीं शृणु ।

यस्या उच्चारमात्रेण दुष्टमन्त्रोऽपि सिध्यति ॥ ४० ॥

शैव मन्त्र- शापमोचन- श्री भैरव ने कहा कि हे महेश्वरि ! अब मैं शैव मन्त्रों के साधारण शापविमोचन विद्या का वर्णन करता हूँ। निष्कीलित मन्त्रों की शापमोचनी विद्या सुनों, जिनके उच्चारणमात्र से दुष्ट मन्त्र भी सिद्ध हो जाते है ।। ३९-४० ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -सदाशिवमन्त्रशापमोचनम्

तारं परां रमां वाणीं कामं शक्तिं सदाशिव ।

शिवशापं मोचयापो विद्येयं शापहारिणी ॥४१॥

सदाशिव मन्त्रशापमोचन- तार= ॐ, परा= ह्रीं, रमा= श्रीं, वाणी = ऐं, काम = क्लीं, शक्ति= सौः, सदाशिव शिवशापं मोचय, आपः= स्वाहा, के योग से सदाशिव मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं श्रीं ऐं क्लीं सौः सदाशिव शिवशापं मोचय स्वाहा । । ४१ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -मृत्युञ्जयमन्त्रशापमोचनम्

तारं हृज्जं शरद्रुद्वशापं मोचय मोचय ।

शरद्हृज्जं च तारं च विद्येयं शापहारिणी ॥ ४२ ॥

मृत्युञ्जय शापमोचन मन्त्र-तार= ॐ, हृज्जं= जूं, शरत् = सः, रुद्रशापं मोचय मोचय, हृज्जं = सः, हृज्जं= जूं, तार = ॐ, के योग से मृत्युंजय शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है- ॐ जूं सः रुद्र शापं मोचय मोचय सः जूं ॐ।।४२।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -अमृतेश्वरमन्त्रशापमोचनम्

तारं ततोऽमृतेशान शिवशापं विमोचय ।

युग्ममन्ते तथा तारं विद्येयं शापहारिणी ॥ ४३ ॥

अमृतेश मन्त्रशापमोचन तार= ॐ, अमृतेशान शिवशापं विमोचय विमोचय तार = ॐ, के योग से अमृतेश मन्त्र शापविमोचन मन्त्र बनता हैं। मन्त्र है - ॐ अमृतेश शिवशापं विमोचय विमोचय ॐ ।।४३।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -वटुकभैरवमन्त्रशापमोचनम्

तारं परां च वटुक ब्रह्मशापं विमोचय ।

द्वयं च देवीप्रणवो विद्येयं शापहारिणी ॥ ४४ ॥

वटुक मन्त्रशापमोचन तार= ॐ, परा= ह्रीं, वटुक ब्रह्मशापं विमोचय विमोचय प्रणव = ॐ, के योग से वटुक मन्त्रशाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं वटुक ब्रह्मशापं विमोचय विमोचय ॐ ।। ४४ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -नीलकण्ठमन्त्रशापमोचनम्

तारं च नीलकण्ठेति दुर्वासाङ्कं विमोचय ।

मोचयापो महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥४५ ॥

नीलकण्ठ मन्त्रशापमोचन-तार= ॐ, नीलकण्ठ दुर्वासांकं विमोचय विमोचय, आपः = स्वाहा के योग से नीलकण्ठ मन्त्र का शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है- ॐ नीलकण्ठ दुर्वासांकं विमोचय विमोचय स्वाहा।।४५।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -सद्योजातमन्त्रशापमोचनम्

तारं छविः परा तारं सद्योजात रविच्छलम् ।

मोचय ठद्वयं देवि विद्येयं शापहारिणी ॥ ४६ ॥

सद्योजात मन्त्रशापमोचन- तार= ॐ, छविः= ह्रां, परा= ह्रीं, तार= ॐ, सद्योजात रविच्छलम् मोचय, ठद्वय स्वाहा के योग से सद्योजात मन्त्र शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रां ह्रीं ॐ सद्योजात रविच्छलम् मोचय मोचय स्वाहा ।। ४६ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -महागणपतिमन्त्रशापमोचनम्

तारं शिवं गणेशान रुद्रशापं विमोचय ।

वनमन्ते महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥ ४७ ॥

गणेश मन्त्रशापमोचन - तार= ॐ, शिवं= गं, गणेशान रुद्रशापं विमोचय, वनं= स्वाहा, के योग से गणेश मन्त्र शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ गं गणेशान रुद्रशापं विमोचय स्वाहा ।। ४७ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -स्वच्छन्दनाथमन्त्रशापमोचनम्

तारमाद्यक्षरहविर्देव स्वच्छन्दनायक ।

शिवशापं मोचयापो विद्येयं शापहारिणी ॥ ४८ ॥

स्वच्छन्दनायक मन्त्रशापमोचन मन्त्र-तार = ॐ, आद्यक्षर = अं, हविर्देव स्वच्छन्द- नायक शिवशापं मोचय स्वाहा के योग से स्वच्छन्दनायक मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ अं हविर्देव स्वच्छन्दनायक शिवशापं मोचय स्वाहा ।।४८ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -महाकालभैरवमन्त्रशापमोचनम्

तारं कूर्चं परां देवि महाकाल विधिच्छलम् ।

मोचय-द्वयमापश्च विद्येयं शापहारिणी ॥ ४९ ॥

महाकाल मन्त्रशापमोचन-तार= ॐ, कूर्च= हूं, परा= ह्रीं, महाकाल विधि- च्छलम् मोचय मोचय, आप: = स्वाहा के योग से महाकाल मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ हूं ह्रीं महाकाल विधिच्छलं मोचय मोचय स्वाहा ।। ४९ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -कामेश्वरमन्त्रशापमोचनम्

वाग्भवं कामशक्तिश्च भैरवाङ्कं विमोचय ।

तारं परामाद्यबीजं विद्येयं शापहारिणी ॥५०॥

कामेश्वर मन्त्रशापमोचनवाग्भव= ऐं, काम= क्लीं, शक्ति= सौः, कामेश्वर भैरवांकं विमोचय, तार = ॐ, परा= ह्रीं, के योग से कामेश्वर मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है । मन्त्र हैं - ऐं क्लीं सौः कामेश्वर भैरवांकं विमोचय ॐ ह्रीं ।। ५० ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -वैष्णवमन्त्रशापमोचनमन्त्राः

अथ वैष्णवमन्त्राणां शृणु पार्वति सादरम् ।

विद्यां शापहरी सद्यो मन्त्रसिद्धिर्भवेद् यतः ।। ५१ ।।

वैष्णव मन्त्रशापमोचन- हे पार्वति! अब वैष्णव मन्त्रों के शापमोचन मन्त्रों को सादर सुनो। ये शापहरी विद्यायें मन्त्रसिद्धि तुरन्त देती है ।। ५१ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -लक्ष्मीनारायणमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमां च लक्ष्मीति नारायण शिवच्छलम् ।

मोचय-द्वयमापश्च विधेयं शापहारिणी ॥५२॥

लक्ष्मीनारायण मन्त्रशापमोचनतार= ॐ, रमा= श्रीं, लक्ष्मीनारायण शिव-च्छलम् मोचय मोचय, आपः= स्वाहा, के योग से लक्ष्मीनारायण मन्त्र शापमोचन मन्त्रबनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं लक्ष्मीनारायण शिवच्छलम् मोचय मोचय स्वाहा ।। ५२ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -राधाकृष्णमन्त्रशापमोचनम्

तारं शक्तिः परा तारं राधाकृष्ण विधिच्छलम् ।

मोचयापो महादेवि विद्येयं शापहारिणी ॥ ५३ ॥

राधाकृष्ण मन्त्रशापमोचन- तार= ॐ, शक्ति= सौः, परा= ह्रीं, तार= ॐ, राधा-कृष्ण विधिच्छलम् मोचय, आप: =स्वाहा, के योग से राधा-कृष्ण मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ सौः ह्रीं ॐ राधाकृष्ण विधिच्छलम् मोचय स्वाहा।। ५३ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -विष्णुमन्त्रशापमोचनम्

तारं परां रमां विष्णो रुद्रशापं विमोचय ।

तारं ठद्वयमन्ते च विद्येयं शापहारिणी ॥ ५४ ॥

विष्णु मन्त्र शापमोचन मन्त्र-तार= ॐ, परा=ह्रीं, रमा= श्रीं, विष्णो रुद्रशापं विमोचय, तार= ॐ, ठद्वय= स्वाहा के योग से विष्णु मन्त्र शाप मोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ ह्रीं श्रीं विष्णोः रुद्रशापं विमोचय ॐ स्वाहा।। ५४ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -लक्ष्मीनृसिंहमन्त्रशापमोचनम्

तारं परं नृबीजं च नरसिंह शिवच्छलम् ।

मोचय-द्वयमापश्च विद्येयं शापहारिणी ॥ ५५ ॥

नृसिंह मन्त्रशापमोचन- तार= ॐ, परा=ह्रीं, नं नरसिंह शिवच्छलम् मोचय मोचय, आप: = स्वाहा के योग से नृसिंह मन्त्र शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है – ॐ ह्रीं नं नरसिंहं शिवच्छलम् मोचय मोचय स्वाहा।। ५५ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -लक्ष्मीवराहमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमां च लक्ष्मीति वराह हरिलाञ्छनम् ।

मोचय-द्वयमापोऽन्ते विद्येयं शापहारिणी ॥५६ ।।

लक्ष्मी वराह मन्त्रशापमोचन- तार= ॐ, रमा= श्रीं, लक्ष्मीवराह हरिलाञ्छनम् मोचय मोचय, आपः = स्वाहा के योग से लक्ष्मीवराह मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं लक्ष्मिवराह हरिलाञ्छनं मोचय मोचय स्वाहा॥५६॥

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -भार्गवराममन्त्रशापमोचनम्

तारं कूर्चं भार्गवेति शुक्रशापं विमोचय ।

तुरगं ठद्वयं देवि विद्येयं शापहारिणी ॥ ५७ ॥

भार्गवराम मन्त्रशापमोचन-तार= ॐ, कूर्च= हूँ, भार्गव शुक्रशापं विमोचय, तुरंग = फट्, ठद्वय= स्वाहा के योग से भार्गव राम परशुराम का मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ हूँ भार्गव शुक्रशाप विमोचय फट् स्वाहा ।। ५७ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -रामभद्रमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमां रामभद्र गुरुशापं विमोचय ।

हरं ठद्वयमन्ते च विद्येयं शापहारिणी ॥ ५८ ॥

रामभद्र मन्त्रशापमोचन तार= ॐ, रमा= श्रीं, रामभद्र, गुरुशापं विमोचय, हरं= फट्, ठद्वय= स्वाहा को मिलाने से रामभद्र मन्त्रशापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है- ॐ श्री रामभद्र गुरुशापं विमोचय फट् स्वाहा।।५८।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -जनार्दनमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमा रमा तारं जनार्दन विधिच्छलम् ।

मोचयापो महादेवि विद्येयं शापहारिणी ।। ५९ ।।

जनार्दन मन्त्रशापमोचन- तार= ॐ, रमा= श्रीं, रमा= श्रीं, तार= ॐ जर्नादन विधिच्छलम् मोचय, आपः= स्वाहा के योग से जर्नादन मन्त्र शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं श्रीं ॐ जनार्दन विधिच्छलम् मोचय स्वाहा ।। ५९ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -विश्वक्सेनमन्त्रशापमोचनम्

तारं परां रमां तारं विश्वक्सेन मनुच्छलम् ।

मोचय-द्वयमापश्च विद्येयं शापहारिणी ॥ ६० ॥

विश्वक्सेन मन्त्र शापमोचन- तार= ॐ, रमा= श्रीं, रमा= श्रीं, तार= ॐ,विश्वक्सेन मनुच्छलम् मोचय मोचय, आपः = स्वाहा के योग से विश्वक्सेन शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं श्रीं ॐ विश्वक्सेन मनुच्छलम् मोचय मोचय स्वाहा ।। ६० ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -लक्ष्मीवासुदेवमन्त्रशापमोचनम्

तारं रमा रमा लक्ष्मीवासुदेव शिवच्छलम् ।

मोचय-द्वयमापश्च विद्येयं शापहारिणी ।। ६१ ।।

लक्ष्मी वासुदेव मन्त्र शापमोचन- तार = ॐ, रमा = श्रीं, रमा=श्रीं,लक्ष्मीवासुदेव शिवच्छलम् मोचय मोचय, आप: =स्वाहा के योग से लक्ष्मीवासुदेव शापमोचन मन्त्र बनता है। मन्त्र है - ॐ श्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेव शिवच्छलम् मोचय मोचय स्वाहा । । ६१ ।।

श्रीदेवीरहस्य पटल ७ -पटलोपसंहारः

इतीदं परमं तत्त्वं रहस्यं सारमुत्तमम् ।

गुह्यं सर्वस्वमीशानि गोपनीयं विशेषतः ॥६२॥

हे ईशानि! यह परम तत्त्व है, उत्तम सार का रहस्य है, गुह्य है, सर्वस्व है एवं विशेषरूप से गोपनीय है।।६२।।

इति श्रीरुद्रयामले तन्त्रे श्रीदेवीरहस्ये शापहरीविद्योद्धारनिरूपणं नाम सप्तमः पटलः ॥७॥

इस प्रकार रुद्रयामल तन्त्रोक्त श्रीदेवीरहस्य की भाषा टीका में शापहरीविद्योद्धारनिरूपण नामक सप्तम पटल पूर्ण हुआ।

आगे जारी............... रुद्रयामल तन्त्रोक्त श्रीदेवीरहस्य पटल 8

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