श्रीरुद्रकोटीश्वराष्टकम्
हर एक कष्ट व बाधाओं से मुक्ति के
लिए भगवान रूद्र शिव शंकर का श्रीरुद्रकोटीश्वराष्टकम् पाठ करें।
श्रीरुद्रकोटीश्वराष्टकम्
व्योमानिलानलजलाचलचन्द्रसूर्य-
चैतन्यकल्पितशरीरविराजिताय
ऋग्वादि वेदगिरिश्रृङ्गनिकेतनाय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ १॥
कर्पूरशङ्खधवलाकृतिचन्द्रकान्त-
मुक्ताफलस्पटिकवह्निपविग्रहाय ।
कस्तूरिकुङ्कुमहिमाम्बुविलेपनाय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ २॥
सौन्दर्यनायकिमुखाम्बुजभृङ्गभूत
चन्द्रार्कवह्निनिलयाय सदाशिवाय ।
अणिमादिदाय करुणामृतसागराय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ३॥
गङ्गाजलाग्रनिलयाय कलामयाय
कामान्धकत्रिपुरदग्धविलेपनाय
गङ्गाधराय गरुडध्वजसेविताय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ४॥
गृध्राचलेन्द्रनिलयाय निरीश्वराय
तत्त्वादि सिद्धसुपूजितवन्दिताय ।
सिद्धादि योगपुरुषाय दिगम्बराय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ५॥
पञ्चाक्षराय भवसागरतारणाय
पञ्चास्यचर्मवसनाय परात्पराय
पञ्चाक्षराय निगमाचलनायकाय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ६॥
वेदान्तमुख्यविभवाय निरीश्वराय
वेदान्तवेद्यसरसाय विचक्षणाय ।
वेदाय वेददुर्गाय विक्षायनाय
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ७॥
आधारशक्तिकुटिलासनपञ्चकाय
ब्रह्माण्डकल्पितकलामयविग्रहाय
प्रासाद षोडशकलामय विश्वमूर्ति
श्रीरुद्रकोटिनिलयाय नमःशिवाय ॥ ८॥
इति श्रीरुद्रकोटीश्वराष्टकं सम्पूर्णम् ॥
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